आज के जमाने में डेटिंग बिल्कुल भी आसान नहीं है. बहुत से लोग आज Situationship (सिचुएशनशिप) में फंसे हुए हैं. अब सिंगल लोगों के बीच इंटरनेट पर एक नया चलन जोर पकड़ रहा है - जिसे 'बॉयसोबर' (Boysober) कहा जाता है. जब युवा सिंगल लोग डेटिंग, सिचुएशनशिप, एक्स, हुक-अप और यहां तक कि डेटिंग ऐप्स से ब्रेक लेते हैं तो इसे बॉयसोबर कहा जाता है. इस प्रैक्टिस के पीछ का आइडिया है कि लोग टॉक्सिक रिलेशन, लोगों और आसपास के वातावरण से पूरी तरह छुटकारा पाएं और सेल्फ-लव व सेल्फ-केयर पर फोकस करके खुद को हील करें.
Gender-Neutral टर्म है यह
'बॉयसोबर' सुनकर ऐसा लगता है मानो यह शब्द सिर्फ महिलाओं के लिए है, लेकिन यह शब्द जेंडर-न्यूट्रल कहा जाता है. 'बॉयसोबर' शब्द सबसे पहले कॉमेडियन होप वुडार्ड ने गढ़ा और यह जल्द ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर युवाओं के बीच हिट हो गया. होप वुडार्ड ने टिकटॉक पर पोस्ट किया कि 2024 में बॉयसोबर रूल्स हैं- कोई डेटिंग ऐप्स नहीं, कोई डेट नहीं, कोई एक्स नहीं, कोई सिचुएशनशिप नहीं. वह लाइफ में कहते रहे कि वह सिंगल हैं लेकिन वह कभी सिंगल नहीं रहे. क्योंकि उनका मानना है कि अगर कोई आपके दिमाग की जगह ले रहा है तो आप सिंगल नहीं हैं.
बहुत से लोग वुडार्ड की बात से सहमत हुए और जल्द ही इस ट्रेंड में शामिल हो गए और इस तरह यह इंटरनेट पर काफी पॉपुलर हो गया. 'बॉयसोबर' टॉक्सिक रिश्तों, सिचुएशनशिप, लोगों और प्यार पाने के लिए किसी स्पेशन इंसान की वैलिडेशन पाने के प्रेशर से मुक्त होने का नाम है. इसके बजाय, यह लोगों को प्रोत्साहित करता है कि वे खुद को एक्सप्लोर करें, पुराने टॉक्सिक संबंधों से उबरें और खुद की कंपनी में खुश रहें. और अगर चीजें काम करती हैं, तो इंसान या तो खुद से प्यार करना सीखता है या फिर उन्हें उनका सच्चा प्यार मिल जाता है.
रोमांटिक रिश्तों में सेल्फ लव का महत्व
प्यार पाने से पहले व्यक्ति को पहले खुद से प्यार करने की जरूरत होती है. आइडिया यही है कि जब तक कोई खुद से सच्चा प्यार नहीं करता, खुद को प्राथमिकता नहीं देता, सीमाएं तय नहीं करता, या यह नहीं जानता कि वह वास्तव में जीवन में क्या चाहता है - तो कोई और उसके साथ ऐसा कैसे करेगा? सेल्फ-लव किसी भी हेल्दी रोमांटिक रिश्ते में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह पार्टनरशिप की नींव तैयार करता है जहां दोनों लोग एक साथ आगे बढ़ सकते हैं. खुद को समझने और महत्व देने से इंसान को रोमांटिक रिश्तों में अपना 100% देने और क्लियर कम्यूनिकेशन करने में मदद मिलती है, जिससे रिश्ता गहरा होता है और आप एक-दूसरे का सम्मान करते हैं.
ऐसे रिश्तों में दूसरों की तुलना में लंबे समय तक टिकने की प्रवृत्ति भी अधिक होती है. यह व्यक्ति सेल्फ-केयर और आत्मविश्वास की भावना रखने में मदद करता है, और यह व्यक्ति की इमोशनल फ्लेक्सिबिटी को भी बढ़ाता है. रिश्तों में लोगों के लिए चुनौतियां और संघर्ष होना लाजमी है, लेकिन जो लोग खुद से प्यार करते हैं वे इन मुश्किलों का सामना अच्छे से करते हैं.