
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप के प्री-इनॉग्रेशन बैश में भारतीय बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी, नीता अंबानी ने शिरकत की. पार्टी में नीता अंबानी साड़ी में नजर आईं और तब से ही हर तरफ उनकी साड़ी की चर्चा है. नीता की साड़ी को भारतीय डिजाइनर तरुण ताहिलियानी ने डिजाइन की. आपको बता दें कि इस साड़ी को 'जामावार साड़ी' कहा जाता है. बताया जा रहा है कि इस साड़ी को बनाने में कारीगरों को 1900 घंटे का समय लगा.
कारीगरों ने हेरिटेज जामावार शॉल पर कढ़ाई की, जिसे बाद में सावधानीपूर्वक हाथ से पेंट किया गया, प्रिंट किया गया और आगे कढ़ाई की गई. महीन डिजाइन प्रोसेस में क्लासिक आरी वर्क को नाजुक फ्रेंच गांठों के साथ जोड़ा गया, जिससे साड़ी का टेक्सचर और पैटर्न निखर कर आया. आपको बता दें कि भारत में जामावार साड़ी और शॉल का इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है.
क्या है जामावार का इतिहास
जामावार साड़ी का इतिहास भारत में मुगल काल से जुड़ा है. ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर जामावार बुनाई के महीन डिजाइन और खुशनुमा रंगों से मोहित हो गए थे. वे अक्सर अपने और अपने दरबारियों के लिए जामावार शॉल और साड़ियां बनवाते थे. जामावरा का कपड़ा पारंपरिक रूप से शुद्ध रेशम से बुना जाता था और इसपर फूलों और अन्य रूपांकनों की डिजाइनिंग की जाती है.
"जामावार" शब्द, फ़ारसी शब्द "जामा" और "वार" से बना है. "जामा" का अर्थ है वस्त्र या परिधान, जबकि "वार" का अर्थ है यार्ड या कपड़े का टुकड़ा. बताया जाता है कि जामावार बुनाई की कला मुगल काल में फारस से कश्मीर पहुंची और जल्द ही विलासिता का प्रतीक बन गई, और इसे शाही महिलाओं द्वारा पहना जाने लगा. जामावार की खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरफ धागे नहीं छोड़े जाते हैं. इसमें डबल बुनाई होती है ताकि एक भी धागा न निकले.
नीता ने किया कुछ इस तरह से स्टाइल
नीता ने जामावार साड़ी को कॉलर्ड ब्लाउज के साथ स्टाइल किया. उनके ब्लाउज पर भी कढ़ाई का काम था. बात ज्वेलरी की करें तो नीता ने गले में पेंडेंट स्टाइल डायमंड नेकलेस पहना और कानों में मैचिंग पर्ल ईयरिंग्स पहनें. उन्होंने हाथ में फ्लावर डिजाइन वाला डायमंड ब्रेसलेट भी पहना हुआ था जो उनके आउटफिट से एकदम मैचिंग था.