मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू (4095 मीटर ) पर गोरखपुर के नीतीश कुमार सिंह ने तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया. फतह के दौरान लगातार बारिश एवं बड़े चट्टान उनके रास्ते का रोड़ा बन रहे थे लेकिन मजबूत इरादों के आगे चट्टान भी टिक न सके और उन्होंने पांचवा अंतरर्राष्ट्रीय पर्वत फतह किया. उन्होंने कहा कि माउंट किनाबालू की चढ़ाई के लिए दिल्ली से 5 जुलाई को रवाना हुआ था. 6 जुलाई को मलेशिया के कोटा किनाबालू शहर पहुंचा. अगले दिन 7 जुलाई को डॉक्यूमेंटेशन कार्य पूरा किया और 8 जुलाई को सुबह 9.45 बजे नेशनल पार्क से चढाई शुरू किया. लगातार चढ़ाई करने के बाद पहले कैंप पर (3100 मीटर) दोपहर 2.30 बजे पहुंचा.
फतह के दौरान आई ये समस्याएं
नीतीश ने बताया कि 9 जुलाई की रात चढ़ाई के दौरान जोरदार बारिश हुई. रात के 2:30 बजे जब बारिश हल्की हुई तो आगे बढ़ा. उस समय 3100 मीटर तक की चढ़ाई कर चुका था. जैसे जैसे ऊपर चढ़ रहा था ऑक्सीजन की कमी होती जा रही थी लेकिन वह आगे बढ़ते गए. सुबह 5:30 बजे मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किनाबालू 4095 मी को फतह करके भारत का गौरवशाली तिरंगा झंडा फहराया.
तुर्की में पर्वत चढ़ने के दौरान हो गए थे घायल
नीतीश ने बताया कि कभी कभी निराशा भी हाथ लगती है. तुर्की में पर्वत चढ़ने के दौरान चोटिल हो गए थे. पैर में खिंचाव के बाद आठ महीने तक बेड पर रहे. उन्होंने कहा कि कई बार मां को बिना बताए ही पहाड़ों पर चढ़ाई करने के लिए निकल जाते थे. पिताजी फौजी थे तो देश के प्रति प्रेम उन्हीं से मिली. उन्होंने कहा कि कोशिश यही रहती है की हर जगह पहुंचकर देश का तिरंगा झंडा लहराए.
हर सफल चढ़ाई के दौरान देते हैं सोशल मैसेज
29 वर्षीय पर्वतारोही नीतीश ने आगे बताया कि अभी तक जितने पर्वतों को फतह किया है हर पर्वत से जागरूकता का संदेश दिया है. चाहे सर्व शिक्षा अभियान हो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ या हमारे बीच का तीसरा समुदाय ट्रांसजेंडर समुदाय हो. इस बार इस अभियान में उन्होंने ग्रीन गोरखपुर का संदेश दिया. उन्होंने संकल्प लिया है कि वह जितने मीटर क्लाइंब करेंगे उतने ही पौधे गोरखपुर में एचपीसीएल के साथ मिलकर लगाएंगे.