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न फिल्म, न म्यूजिक, न किताबें और न सोना… क्या है Raw-Dogging Trend, लंबे सफर वाली Flight में हो रहा है फॉलो 

पहली नजर में, किसी भी तरह के एंटरटेनमेंट के बिना लंबी फ्लाइट पूरी करना मुश्किल लग सकता है. फिर भी लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. इसमें केवल प्लेन कहां पहुंचा इसको ट्रैक करने के लिए कभी-कभी इन-फ्लाइट मैप पर नजर डाल सकते हैं. ये ट्रेंड टिकटॉक से शुरू हुआ है. 

Raw-Dogging Trend (Representative Image/Getty Images) Raw-Dogging Trend (Representative Image/Getty Images)
हाइलाइट्स
  • सोशल मीडिया पर रॉ-डॉगिंग हुआ शुरू

  • लंबे सफर वाली फ्लाइट में हो रहा ये ट्रेंड फॉलो 

फ्लाइट में टाइम पास करने के लिए कुछ लोग फोन पर फिल्में देखना पसंद करते हैं तो कुछ किताब पढ़ना. लेकिन कुछ लोग केवल बाहर देखकर ही अपना टाइम पास करना पसंद करते हैं. अब इसी से जुड़ा एक ट्रेंड वायरल हो रहा है. इस ट्रेंड को "रॉ-डॉगिंग" (Raw-Dogging) कहा जा रहा है. इसमें बिना किसी एंटरटेनमेंट के अपना सफर पूरा करना होता है. लंबी दूरी की फ्लाइट में इस ट्रेंड को फॉलो किया जा रहा है. 

रॉ-डॉगिंग क्या है?

हवाई यात्रा में "रॉ-डॉगिंग" का मतलब किसी भी प्रकार के एंटरटेनमेंट या डिस्ट्रक्शन के बिना लंबी फ्लाइट पूरी करनी होती है. इसका मतलब है न फिल्में, न म्यूजिक, न किताबें, न खाना और यहां तक ​​कि सोना भी नहीं. इसमें केवल प्लेन कहां पहुंचा इसको ट्रैक करने के लिए कभी-कभी इन-फ्लाइट मैप पर नजर डाल सकते हैं. ये ट्रेंड टिकटॉक से शुरू हुआ है. 

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सोशल मीडिया पर रॉ-डॉगिंग कैसे शुरू हुआ?

फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रॉ-डॉगिंग की टिकटॉक पर पोस्ट की एक सीरीज के बाद पॉपुलर हुआ. इसमें यूजर ने बिना किसी ध्यान भटकाए फ्लाइट में टाइम बिताने के लिए अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए. उदाहरण के लिए, मैनचेस्टर स्थित डीजे oiwudini ने हेडफोन, मूवी या यहां तक ​​कि पानी के बिना सात घंटे की फ्लाइट पूरी करने का दावा किया. साथ ही पोस्ट में लिखा, "मेरे दिमाग की शक्ति की कोई सीमा नहीं है."

एक दूसरे टिकटॉक यूजर, जॉनी डेविस ने 11 घंटे की फ्लाइट पर अपने अनुभव को "फ्लाइट मैप को रॉ-डॉगिंग" के रूप में बताया. उसने बताया कि उसने फ्लाइट में केवल मैप पर फोकस किया और अपना समय बिताया.” 

पहली नजर में लग सकता है मुश्किल 

पहली नजर में, किसी भी तरह के एंटरटेनमेंट के बिना लंबी फ्लाइट पूरी करना मुश्किल लग सकता है. फिर भी लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. कई लोग स्वीकार किया है कि उन्होंने अपना पूरा सफर बिना किसी एंटरटेनमेंट के बीएस खिड़की से बाहर देखकर पूरा किया है. 

26 साल के लड़के ने किया रॉ-डॉगिंग ट्रेंड शुरू

यह शब्द सबसे पहले वेस्ट नाम के 26 साल के लंदनवासी ने इस्तेमाल किया था. वेस्ट ने सात घंटे की फ्लाइट के अपने अनुभव को बताया था. उसने इस पूरे सफर में केवल फ्लाइट मैप देखकर ही अपना समय बिताया था. इसके बाद से ही लोग इस ट्रेंड को फॉलो करने लगे. एक इंटरव्यू में वेस्ट ने बताया, “आप ये सोचिए कि आप एक तरह से दृष्टिबाधित हैं, अगर आप खिड़की पर हैं तो आप केवल अपने सामने वाली सीट या दाएं या बाएं देख सकते हैं. आपको बस इंजन की आवाज सुनाई देती है. यह सिर्फ वाइट नॉइस होती है.”