सच है की हिम्मत और साहस की कोई उम्र नहीं होती. एक 14 साल की बच्ची के हौसले की कहानी आप सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे. मात्र 14 साल की इस बेटी ने ढाई साल के गुमसुदा बच्चे को सही-सलामत अपने माता-पिता के पास पहुंचाया है. इस बेटी का नाम है कशिश और बच्चे का नाम आर्यन है.
खेलते-खेलते रास्ता भटका मासूम
ढाई साल का आर्यन अपने पिता धर्मेंद्र और मां काजल के साथ नोएडा के गिझौड़ गांव में रहता है. 13 अप्रैल की रात लगभग 8.30 बजे आर्यन खेलते-खेलते घर से बाहर आ गया और फिर थोड़ी दूर निकल गया. दरअसल परिवार के साथ रहने वाला एक लड़का घर से बाहर निकला था जिसके पीछे-पीछे आर्यन चल पड़ा. लेकिन आगे जाकर वह भटक गया.
माता-पिता ने बहुत ढूंढा पर आर्यन नहीं मिला. इसी बीच किसी ने ये अफवाह उड़ा दी कि आर्यन को एक महिला उठाकर ले गई. इसके बाद मासूम के मां-बाप और ज्यादा परेशान हो गए. और पुलिस का काम और मुश्किल हो गया. लेकिन फिर पुलिस को एक सीसीटीवी मिला जिसमें उन्हे कशिश आर्यन से बात करते हुए दिखाई दी.
सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग
सीसीटीवी कैमरे में देखा गया कि आर्यन के आस-पास बहुत सारे लोग आते-जाते हैं लेकिन कोई भी रुक कर बच्चे की तरफ नहीं गया. किसी ने जानने की कोशिश नहीं कि बच्चा अकेला क्यों है. कशिश अपनी मां के साथ उस रास्ते से निकल रही थी तो उने आर्यन को देखा.
उसने कुछ देर रुककर इंतजार किया कि आखिर यह बच्चा किस तरफ जा रहा है. लेकिन जल्द ही वह समझ गई कि बच्चा रास्ता भटक गया है. कशिश ने तुरंत बच्चे को संभाला और उसे लेकर घर आ गई. जब कशिश से पूछा गया कि उसे डर नहीं लगा किसी अनजान बच्चे को लेकर आने में कि इसके परिणाम क्या होंगे. तो उसने कहा कि मैं कोई गलत काम नहीं कर रही थी तो भला डर कैसा.
8 घंटे तक रखा बच्चे का ख्याल
ढाई साल का आर्यन रात 8:30 बजे अपने घर से गायब हुआ था. कशिश ने आर्यन को अपने घर ले जाकर थोड़ा शांत किया. और फिर आसपास मोहल्ले में लोगों से पूछा कि कहीं किसी का बच्चा तो नहीं खोया है. जब कोई पता नहीं चला तो कशिश वापस घर आई और बच्चे का ख्याल रखने लगी. बच्चे को दूध बिस्किट खिलाया, पानी पिलाया और फिर उसे आराम से सुला दिया.
सीसीटीवी देखने के बाद पुलिस का आर्यन तक पहुंचना आसान हो गया. आज आर्यन के माता-पिता कशिश का धन्यवाद करते नहीं थक रहे हैं. आर्यन के पिता एक छोटे से पेंटर हैं तो कशिश के पिता रिक्शा चलाते हैं और मां घरों में काम करती है.
12 साल पहले कशिश भी हुई थी गुम
कशिश की मां बताती हैं कि 12 साल पहले जब कशिश सिर्फ 2 साल की थी तो वह भी इसी तरह खो गई थी. बड़ी मुश्किलों के बाद कशिश मंदिर में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला के पास मिली. इतना ही नहीं कशिश के 5 साल का भाई की बीमारी के चलते कुछ साल पहले मौत हो गई थी.
सेना में जाना चाहती है कशिश
कशिश की मां बताती हैं कि कशिश इससे पहले एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी लेकिन कोविड में स्कूल बंद हुआ और फिर स्कूल पूरे साल की फीस 12 हजार मांग रहा था. इतने पैसे उनके पास थे नहीं तो उन्होंने कशिश का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवा दिया. हालांकि, अब कशिश की हिम्मत से खुश होकर नोएडा पुलिस ने उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली है. एसीपी रजनीश वर्मा कहते हैं कि बच्ची की अच्छी-पढ़ाई लिखाई का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही कशिश के पिता की भी आर्थिक मदद की जाएगी.