इतिहास गवाह है जब भी किसी इंसान पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा है तभी अभिनव विचार सामने आए हैं. और खासकर जब हमारे परिवार पर मुसीबत आती है तो हम कुछ भी कर गुजरते हैं. ऐसी ही एक कहानी है नोएडा के इंजीनियर राहुल रस्तोगी और उनकी पत्नी नेहा रस्तोगी की. जब इनके पिताजी को कार्डियक अरेस्ट आया और काफी कोशिशों के बाद भी उनका इलाज समय पर नहीं हो पाया तो 2014 में उन्होंने एक ऐसे डिवाइस को बनाने का सोचा जिससे ईसीजी करवाने के लिए ज़्यादा कोशिश नहीं करनी पड़ेगी बल्कि घर बैठे आप इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकेंगे.
कार्डियक अरेस्ट आने से पहले लग जाएगा पता
आजकल कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में ये डिवाइस आजकल के जमाने में काफी फायदेमंद है. लोगो को लगता है कि कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक अचानक आते हैं पर ऐसा नहीं है. इसके शुरुआती लक्षण इतने मामूली होते हैं कि हम पहचान ही नहीं पाते. एक पोर्टेबल ईसीजी मशीन जो और मशीनों जैसी भारी और बड़ी नहीं बल्कि एक चाबी के छल्ले जितनी है. ये आने वाले कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को पहले ही पकड़ लेगी जिससे आप समय पर इलाज करवा सकेंगे. इसके जरिए आप अपनी और अपने परिवार वालों की जान बचा सकते हैं.
छोटे से कमरे में किया आविष्कार
नोएडा में रहने वाले इन इंजीनियर्स ने अपने साथ-साथ इस परेशानी से जूझ रहे लाखों लोगों की भी परेशानी हल कर दी है. राहुल और नेहा ने एक छोटे से कमरे मे इस बड़े आविष्कार की शुरुआत की और फिर इसे एक कंपनी Agatsa future is near के जरिए आगे ले गए और आज इसके दो ब्रांच हैं, जहां ये डिवाइस बनाए जाते हैं. इसकी एक ब्रांच नोएडा में है और एक ब्रांच अरुणाचल प्रदेश विशाखपटनम में है. इतना ही नहीं राहुल ने इस डिवाइस को जरूरतमंदों तक भी पहुंचाया. सरकारी अस्पताल में इस डिवाइस को डॉक्टर के इस्तेमाल के लिए दिए. इतना ही नहीं राजस्थान और अन्य राज्यों के पिछड़े हुए गांव में इस डिवाइस को पहुंचाया ताकि लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.
मिनटों मे दे सकता है ईसीजी की रिपोर्ट
ये डिवाइस ( Sanket life) पूरी तरीके से मेड इन इंडिया है. काफी सस्ती चीजें बाहर से बनकर आती हैं पर ये डिवाइस पूरी तरीके से भारत में ही बनी है और यहां से कई बाहर के देशों को भेजी भी जाती है. यह डिवाइस बीपी भी माप सकता है और ईसीजी की रिपोर्ट आसानी से मिनटों में दे सकता है.