
इंदौर शहर को सिग्नल फ्री बनाने के उद्देश्य से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे शहरवासियों को बेहतर और निर्बाध यातायात व्यवस्था मिल सके. इसके तहत यातायात विभाग और नगर निगम मिलकर शहर में कई महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिनमें ओवर ब्रिज, अंडरपास और एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण प्रमुख है. इसके साथ ही कई अन्य स्थानों पर नए ब्रिज और अंडरपास बनाने के प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि ट्रैफिक के दबाव को कम किया जा सके.
इन सभी प्रयासों के अलावा, शहर के यातायात प्रबंधन में एआई याने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग भी किया जा रहा है. वर्तमान में इंदौर का ट्रैफिक इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा है. यह सिस्टम ट्रैफिक सिग्नल्स की टाइमिंग को पूरी तरह से स्मार्ट और ऑटोमेटेड तरीके से प्रबंधित करता है.
सिग्नल्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं
आईटीएमएस के तहत, शहर के विभिन्न चौराहों पर लगे सिग्नल्स एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. जब एक सिग्नल पर वाहन खड़े होते हैं, तो एआई आधारित सिस्टम इस जानकारी को अगले चौराहे के सिग्नल को भेजता है. इसके आधार पर, अगला सिग्नल अपनी टाइमिंग को इस तरह से समायोजित करता है कि जैसे ही पहले सिग्नल पर ग्रीन लाइट मिलती है, वैसे ही अगले सिग्नल पर भी ग्रीन लाइट मिल सके. इस प्रकार से यातायात एक सुचारू गति से चलता है और ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक हल होती है.
फ्यूल की बर्बादी भी नहीं होती
इस व्यवस्था का एक और बड़ा फायदा यह है कि जब सिग्नल का टाइमिंग इस तरह से अनुकूलित होता है, तो वाहन सिग्नल पर खड़े नहीं रहते और फ्यूल की बर्बादी नहीं होती. कई बार देखा जाता है कि ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े होने के कारण वाहन मालिकों को फ्यूल का नुकसान होता है, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से अव्यवसायिक होता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होता है. आईटीएमएस के माध्यम से सिग्नल के समय को समायोजित करने से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा रहा है, जिससे प्रतिदिन लाखों लीटर पेट्रोल और डीजल की बचत होती है.
इस प्रणाली से न केवल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हो रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. क्योंकि ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े होकर वाहन फ्यूल जलाने के बजाय सीधे गंतव्य की ओर बढ़ते हैं, जिससे प्रदूषण में भी कमी आती है. यह पहल इंदौर के लिए एक बड़ी पर्यावरणीय दिशा है, जो प्रदूषण को कम करने और एक स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में अहम कदम है.
एआई आधारित सिस्टम का उपयोग
इंदौर में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए एआई आधारित सिस्टम का उपयोग शुरू किया गया है, और भविष्य में इसे और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा. नगर निगम और यातायात विभाग के द्वारा आगामी समय में और भी नई परियोजनाओं का प्रस्ताव किया जाएगा, जैसे कि नए ब्रिज, अंडरपास और सड़कें, जो यातायात की दिशा में सुधार लाएंगे. इंदौर की ट्रैफिक व्यवस्था को सिग्नल फ्री बनाने का यह प्रयास न केवल शहरवासियों के लिए एक राहत होगा, बल्कि यह पूरे शहर को आधुनिक और स्मार्ट बना देगा, जहां यातायात सुचारू रूप से चलता है और पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है.
(धर्मेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)