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Odisha Balasore Train Accident: मौत को छूकर लौटा! NDRF ने समझ लिया था मरा हुआ, अचानक पैर पकड़कर पानी मांगने लगी 35 साल के लड़के की 'डेडबॉडी'

ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले लोगों को एक अलग जगह पर रखा गया है, जहां उनके परिजन डेडबॉडी क्लेम कर पाएं. इस दिल दहला देने वाली घटना के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपका भगवान पर भरोसा और बढ़ जाएगा.

Balasore train accident Balasore train accident
हाइलाइट्स
  • जब जाग उठी डेडबॉडी

  • रॉबिन ने हादसे में खोए पैर

ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट दो दशकों में सबसे भीषण रेल हादसा है. इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है. हजारों की संख्या में लोग घायल हैं. दिल दहला देने वाले इस हादसे में किसी का पूरा परिवार ही तबाह हो गया तो कहीं अब भी कोई अपनों का इंतजार कर रहा है. बचावकर्मी राहत कार्य में लगे हुए हैं. घायलों को लगातार मदद दी जा रही है. ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले लोगों को एक अलग जगह पर रखा गया है, जहां उनके परिजन डेडबॉडी क्लेम कर पाएं. इस दिल दहला देने वाली घटना के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपका भगवान पर भरोसा और बढ़ जाएगा.

जब अचानक जाग पड़ी डेडबॉडी 
वो कहते हैं ना, जाको राखे साईयां मार सके ना कोई... 35 वर्षीय रॉबिन नैया को मरा हुआ समझकर ओडिशा के बालासोर में स्कूल के कमरे में सैकड़ों शवों के बीच रख दिया गया था. घंटों तक रॉबिन के शरीर से किसी तरह की कोई एक्टिविटी नहीं दिखी लेकिन अचानक रॉबिन ने उठकर बचाव कार्य में लगे एक शख्स का पैर पकड़ लिया और कहा- मैं जिंदा हूं...मरा नहीं हूं. प्लीज मुझे पानी पिला दो.

रॉबिन ने हादसे में खोए पैर
पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ लेकिन फिर 35 वर्षीय रॉबिन को देखने के लिए साहस जुटाया, तो वो जिंदा था और शरीर को हिलाने-डुलाने की कोशिश कर रहा था और लोगों से  बचाने की गुहार लगा रहा था. बचावकर्मियों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया. फिलहाल रॉबिन मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती हैं. पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना के चर्नेखली गांव के रहने वाले रॉबिन नैया ने हादसे में अपने पैर खो दिए, लेकिन जिंदा बच गए. 

रॉबिन नैया अपने गांव Charnekhali के 7 लोगों के साथ काम की तलाश में कोरोमंडल एक्सप्रेस से हावड़ा से आंध्र प्रदेश जा रहे थे. दो दशक में हुए सबसे भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए हैं फिलहाल रॉबिन नैया का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है. रॉबिन के 6 दोस्त अभी भी गायब हैं.

पहले भी मौत को चकमा दे चुके
यह पहली बार नहीं है जब नैया परिवार के किसी सदस्य ने ट्रेन हादसे में मौत को चकमा दिया हो. नैया परिवार के एक और सदस्य का भी 2010 में ऐसा ही मामला देखने को मिला था, जब ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पश्चिम मिदनापुर में पटरी से उतर गई थी. इसमें 148 लोग मारे गए थे. रॉबिन के चाचा ने बातचीत में बताया, बचाव दल द्वारा लगभग मेरे भाई को मरा हुआ मान चुके थे लेकिन मेरे भाई किसी तरह मौके से भागने में सफल रहे और कॉल के जरिए परिवार से संपर्क किया था.

ओडिशा ट्रेन हादसे में सीबीआई ने दर्ज किया केस
सीबीआई ने ओडिशा में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे में सरकार के अनुरोध पर केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई ने रेल मंत्रालय के अनुरोध, ओडिशा सरकार की सहमति और केंद्र सरकार के आदेशों पर कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से संबंधित ट्रेन दुर्घटना के संबंध में मामला दर्ज किया है.