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Cyber Fraud Merging Scam: एक कॉल से आपकी लाइफ हो जाएगी हैक, क्या होता है मर्जिंग स्कैम, जानिए इससे बचने के उपाय

साइबर अपराधी ठगी करने के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. मर्जिंग स्कैम (Merging Scam) में एक कॉल से अपराधी सिर्फ पीड़ित को नहीं उसके सगे-संबंधी को भी ठग सकते हैं. इस तरह की धोखाधड़ी के कई मामले आ चुके हैं.

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हाइलाइट्स
  • एक फोन कॉल से हो रहे ठगी के शिकार

  • कई लोग हो चुके इस स्कैम के शिकार

अब सिर्फ एक कॉल से आपकी जिंदगी हाईजैक हो सकती है. डिजिटल युग में साइबर अपराधी ठगी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. साइबर ठग (Cyber Fraud) ऐसे तरीके ला रहे हैं जिसके बारे में लोगों को अंदाजा भी नहीं होता है.

कुछ दिन पहले एक शख्स ने एक अनजान नंबर से आए कॉल को रिसीव कर लिया. उसे दूसरी तरफ जानी-पहचान आवाज लगी. उसने कॉल को मर्ज करवा लिया. ऐसा करने की उसने कुछ वजह भी बताई. शख्स ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसने कॉल मर्ज कर दी.

पल भर में एक ओटीपी आया और थोड़ी देर बाद ही उसका जी-मेल अकाउंट हैक हो गया. हैकर ने उसका मेल, पासवर्ड, फोटो, वीडियो और व्हाटसएप भी एक्सेस कर लिया. ये नया स्कैम काफी खतरनाक है. लोगों को इसके बारे में कम जानकारी है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

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मर्जिंग स्कैम क्या है?
मर्जिंग स्कैम (Merging Scam) के कई सारे केस सामने आ रहे हैं. साइबर अपराधियों को लोगों को ठगने का नया तरीका मिल गया है. इस स्कैम में ठग किसी परिचित व्यक्ति की आवाज में फोन करता है. फिर कॉल मर्ज करने को कहते हैं. कॉल मर्ज होने पर अपराधी ओटीपी लेने का काम शुरू करते हैं.

ठग वॉइस ओटीपी इंटरसेप्ट करते हैं. ओटीपी मिलते ही पल भर में व्यक्ति ठग लिया जाता है. अपराधी पहले मेल को एक्सेस करते हैं. उसके बाद संपर्क, लोकेशन और व्हाट्सएप को भी एक्सेस कर लेते हैं. कई बार तो अपराधी पीड़ित को ही उसके अकाउंट से बाहर कर देते हैं. इसके बाद अपराधी उस जानकारी से कई सगे-संबंधी और दोस्तों को ठगने लगते हैं.

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कैसे बचें?
इस स्कैम से बचने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई यूजर्स को चेतावनी जारी की है. एनपीसीआई ने यूजर्स को अनजान कॉलर्स से सावधान रहने को कहा है. साथ में कॉल मर्ज के अनुरोध को न मानें. इससे बचने के कुछ उपाय हैं. उनको ध्यान में रखेंगे तो साइबर अपराधी ठग नहीं पाएंगे.

  • मर्जिंग कॉल से बचें: मर्जिंग कॉल से बचना है. फोन पर चाहे जितनी भी जानी-पहचानी आवाज हो, आपको कॉल मर्ज नहीं करना है. अपराधी ठगने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. जब कोई कॉल मर्ज करने को कहे तो उसकी ये बात बिल्कुल न माने.
  • फेक कॉल पर ध्यान दें: स्कैमर्स ठगी करने के लिए किसी भी तरह परिचित की आवाज में बात कर सकते हैं. वो इसके लिए एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉलर आईडी चेंज कर सकते हैं. किसी भी तरह का शक हो तो फोन रखने के बाद जिसकी आवाज में बात कर रहा था. उसे अलग से फोन लगाएं.
  • OTP शेयर न करें: अपराधी ठगी तभी कर पाएगा जब उसके पास ओटीपी होगा. कोई सरकारी अधिकारी हो या बैंक कर्मचारी, किसी को भी ओटीपी शेयर नहीं करना है.
  • वॉइसमेल सुरक्षित करें: इस ठगी में अपराधी ओटीपी को वॉइसमेल पर भेजते हैं. उसे सुनकर वो ठगी कर लेते है. अपने वॉइसमेल को ज्यादा सुरक्षित करें.
  • UPI लिमिट: इस तरह की ठगी से बचने के लिए अपने मोबाइल में UPI और बैकिंग लिमिट लगा लें. इससे अगर ठग आपके अकाउंट या यूपीआई तक पहुंच भी जाते हैं तो बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

स्कैम हो जाए तो क्या करें?

  • धोखाधड़ी का पता चलने पर सबसे पहले 1930 पर कॉल करें. साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर पर पूरे मामले की जानकारी दें. इसे जल्दी करें. इससे ठगे गए पैसों की रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है.
  • आरबीआई (RBI) के नियम के अनुसार, धोखाधड़ी होने पर अपने बैंक को इस बारे में जानकारी दें. इससे लेन-देने को रोका जाए.
  • आईटी एक्ट के सेक्शन 66 के तहत, धोखधाड़ी करने वाले अपराधी को तीन साल की जेल की सजा होगी. साथ में पैसों की भरपाई भी अपराधी ही करेगा.