ग्रेटर नोएडा के एनिमल शेल्टर 'स्मार्ट सैंक्चुअरी' (Smart Sanctuary) में खरगोश नाम का एक कुत्ता है जो सिर्फ दो पैरों से चल सकता है. नैना नाम की एक गाय है जो देख नहीं सकती. एक मुर्गी है जिसे आगरा के एक पोल्ट्री फार्म से बचाया गया है. शोषण और धितकार को पीछे छोड़कर आए इन जैसे 150 से ज्यादा जानवरों को स्मार्ट सैंक्चुअरी ने न सिर्फ एक घर दिया, बल्कि एक परिवार भी दिया है. हालांकि यह एनिमल शेल्टर अब बंद होने की कगार पर है. इस परिवार के बिखरने की संभावना बेहद मजबूत दिख रही है.
क्यों बंद हो रही है स्मार्ट सैंक्चुअरी?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार यह एनिमल शेल्टर संसाधनों की कमी से बंद होने वाला है. एक्सप्रेस की रिपोर्ट शेल्टर की फाउंडर कावेरी राणा भारद्वाज के हवाले से कहती है, "हमारे किराए के एग्रीमेंट के बावजूद, हमें यह जगह खाली करने के लिए कहा गया है."
ग्रेटर नोएडा की ओमिक्रोन सोसायटी से सात किलोमीटर दूर इमलिया गांव का यह शेल्टर छह बीघा जमीन में फैला हुआ है. कावेरी ने यह जगह 2023 में तीन साल के एग्रीमेंट पर ली थी. अब एक साल बाद लैंडलॉर्ड ने उन्हें जगह खाली करने के लिए कहा है. वह कहती हैं कि वह बढ़ा हुआ किराया नहीं दे सकतीं.
इस शेल्टर में फिलहाल 86 कुत्ते, 60 गायें, 10 घोड़े, छह बिल्ली, पांच परिंदे, तीन खरगोश, दो-दो बंदर, मुर्गियां और खरगोश हैं. कावेरी का कहना है कि एक शेल्टर में लंबे समय तक रहने के बाद इन जानवरों को जगह से लगाव हो जाता है और एक से दूसरी जगह ले जाना आसान नहीं होता.
शेल्टर का किराया कावेरी के लिए एकमात्र चिंता का विषय नहीं है. कई लगातार आने वाले खर्चों को वहन करना भी उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है. कावेरी बताती हैं, "शेल्टर का महीने का खर्च 8.30 लाख तक पहुंच जाता है. मुझे अपने स्टाफ को भी तनख्वाह देनी होती है. गायों-भैसों का चारा महंगा हो गया है. बिजली का बिल भी बढ़ गया है और ये सारा खर्च उठाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं."
इलाके का एकमात्र एनिमल शेल्टर है 'स्मार्ट सैंक्चुअरी'
रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Additional CEO) के हवाले से कहा गया है कि इलाके में कोई और एनिमल शेल्टर नहीं है. हालांकि प्रशासन ग्रेटर नोएडा ईस्ट और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में तीन-तीन शेल्टर खोलने की योजना बना रहा है. स्मार्ट सैंक्चुअरी का सबसे करीबी एनिमल शेल्टर नोएडा सेक्टर-94 में है जिसमें 1600 जानवर रहते हैं.
कावेरी ने बूचड़ खानों, पोल्ट्री फार्मों और सड़कों-मोहल्लों से बचाए गए इन जानवरों को एक ठिकाना देना अपनी जिम्मेदारी बना लिया है. स्मार्ट सैंक्चुअरी के अलावा उन्होंने कुछ जानवरों को ओमिक्रॉन सोसाइटी में किराए पर लिए गए परिसर में भी रखा है. वह लगातार इन जानवरों के सिर पर छत लाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है.