हरियाणा के पानीपत में एक महिला मजबूती और हौसले की मिसाल पेश कर रही है. यह कहानी है 45 वर्षीय जानू की, जो मुश्किलों से लड़कर अपने परिवार की ताकत बनी हुई है. जानू और उनके पति दूध का काम करते हैं. जानू पशुओं की देखभाल करती हैं और उनके पति पानीपत शहर में घर-घर दूध जाकर बेचते थे.
पर कुछ समय पहले उनके पति की टांग में फ्रैक्चर हो गया तो सारी जिम्मेदारी जानू पर आ गई. लेकिन हार मानने की बजाय वह लोगों के लिए मिसाल बनकर उभरी है.
खुद बाइक चलाकर पहुंचती हैं शहर
जानू रोज सुबह 5 बजे उठकर पशुओं को चारा खिलाकर उनका दूध निकालती हैं. इसके बाद वह बाइक पर फर्राटे भरती हुई 40 किलोमीटर दूर पानीपत जाती हैं. जब वह बाइक लेकर गुजरती हैं तो लोग बस देखते ही रह जाते हैं. जानू ने बताया कि उनके पति की टांग में फ्रैक्चर है. उनके अलावा, शहर में दूध पहुंचाने वाला कोई नही था.
इसलिए उसने खुद फैसला कर लिया कि वह हार नही मानेंगी ओर शहर में खुद दूध पहुंचाएगी. ऐसे में, जानु ने खुद बाइक संभाली ओर कई लीटर के ड्रम दूध से भरकर रोज पानीपत पहुंचती हैं. जानू का परिवार मूल रूप से हिमाचल का रहने वाला है लेकिन लम्बे समय से हरियाणा के पानीपत में रह रहा है. जानू का मानना है कि महिलाएं किसी से कम नही हैं. जब जिम्मेदारी आती है तो महिलाएं बाइक तो क्या जहाज भी उड़ा लेती है.
(कमलप्रीत सबरवाल की रिपोर्ट)