कॉलेज में एडमिशन लेना और पढ़ाई करना हर एक आम इंसान यही तो करता है. लेकिन उन हजारों में से कोई एक, दो होते हैं जो कुछ अलग करते हैं और उसकी चर्चा होती है. ऐसे ही कुछ छात्रों में से एक हैं श्रिया त्रिपाठी. श्रिया दिल्ली की पर्ल एकेडमी में टेक्सटाइल डिजाइनिंग की छात्रा हैं और उन्होंने जो इन्वेंशन किया है वो वाकई काबिले तारीफ है.
श्रिया ने फेंके हुए सिगरेट बट्स से स्नीकर्स बनाए हैं. उनका मानना है कि अगर उनके इस आइडिया को आगे बढ़ाया जाता है तो उनके इस इन्वेंशन से पर्यावरण के सामने आने वाले सबसे बड़े संकटों में से एक को हल करने में मदद मिल सकती है. सिगरेट बट्स, एक प्रकार का फिल्टर होता है जो प्लास्टिसाइज्ड सेलूलोज़ एसीटेट से बने होते हैं. यह एक फोटोडिग्रेडेबल प्रकृति होने के बावजूद लगातार बना रहता है जोकि पर्यावरण, भूमि, वायु और यहां तक कि जल को भी प्रदूषित करता है.
कैसे आया विचार?
पर्ल एकेडमी, दिल्ली में टेक्सटाइल डिजाइन की छात्रा श्रिया को हिमाचल प्रदेश के कसोल में एक नदी के किनारे शराब की टूटी हुई बोतलों और जले हुए सिगरेट बट्स को देखने के बाद यह विचार आया था. श्रियी ने न्यूज वेबसाइट को बताया कि वह लोगों को धूम्रपान करने से तो नहीं रोक सकती है लेकिन वह निश्चित रूप से बचे हुए फिल्टर को प्रयोग करने उसे रीसायकल कर सकती हैं और कुछ योग्य और इस्तेमाल करने वाला टेक्सटाइल बना सकती हैं.
श्रिया ने अपना ये कलेक्शन हाल ही में संस्थान के वार्षिक प्लेटफॉर्म पोर्टफोलियो में रीपरपोज़िंग सिगरेट बट्स इन यूजेबल टेक्सटाइल नाम से प्रिजेंट किया था. श्रीया ने कहा,“जब मैंने महसूस किया कि सिगरेट न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है, तो मैंने इस सर्वव्यापी कचरे का रचनात्मक उपयोग करने के लिए एक समाधान के साथ आने का बीड़ा उठाया. मैंने अपने कॉलेज की मेंटर परिधि धानुका के साथ इस विषय पर चर्चा की, और वह मेरी इस अवधारणा को आगे ले जाने के लिए बहुत खुश थीं. उन्होंने इस प्रोडक्ट को जीवन में लाने के लिए पूरे शोध में मेरा मार्गदर्शन किया. ”
कैसे किया तैयार?
अपने 'कच्चे माल' के बारे में बताते हुए, श्रिया ने कहा कि सिगरेट बट्स में सेल्युलोज की उपस्थिति उन्हें रीसाइक्लिंग के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाती है. स्नीकर्स बनाने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए श्रिया ने कहा कि रासायनिक रूप से विषाक्तता के स्तर को कम करने और सिगरेट बट्स से तीखी गंध को कम करने के बाद, उन्हें डिटॉक्सिफाइड सिगरेट बट फिलामेंट्स के साथ छोड़ दिया गया था, जो तब सूत में काता जाता था. सूत को तब एक टेबल लूम में कपड़े में बुना जाता था. फिर से तैयार किए गए कपड़े को आखिर में ग्रे रंग में हाथ से पेंट किया गया, जो सिगरेट से निकलने वाले धुएं से मिलता-जुलता था.
लोगों ने बाजार में कई रिसाइकल्ड प्रोडक्ट्स देखे होंगे लेकिन जले हुए सिगरेट बट्स का पुन: उपयोग कुछ ऐसा है जो काफी कम सुना और जाना जाता है. उत्पाद की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए, मैंने एक सर्वे किया और महसूस किया कि कई लोग जले हुए सिगरेट बट की विषाक्तता और गंध के बारे में चिंतित थे. फिर मैंन उन्हें इस प्रोसेस के बारे में बताया.
क्या होगी कीमत?
धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों दोनों के लिए उपभोक्ता विश्लेषण किया गया था. दोनों ही पक्ष इसको लेकर उत्साहित नजर आए क्योंकि उनके लिए ये कंसेप्ट बिल्कुल नया था. श्रिया के सर्वे के बाद ये प्रोडक्ट बनाने में 6 महीने का समय लगा. श्रिया ने बताया कि स्नीकर्स बनाने के बाद उन्होंने कई लोगों को इसे ट्राई करने को दिया और सब जगह से उन्हें पॉजिटिव रिजल्ट ही सुनने को मिला. श्रिया अब इस प्रोडक्ट को अपने ब्रांड के तहत लॉन्च करना चाहती हैं. हालांकि इसके लिए अभी और टेस्ट की जरूरत है.वह वर्तमान में स्नीकर्स के लिए अपने नाम के तहत पेटेंट करवाना चाहती हैं. इसकी कीमत लगभग 3,500 रुपये हो सकती है. श्रिया ने कहा," जब मैं पर्याप्त मात्रा में एक सर्कल तैयार कर लूंगी जो मुझे ये सिगरेट बड्स लाकर दे तब मेरी योजना इस प्रोडक्ट को इस स्टेज से बाजार तक ले जाने की है. इसके अतिरिक्त, मेरा लक्ष्य इस वस्त्र के उपयोग को विभिन्न अन्य उत्पादों में विस्तारित करना है, जिन्हें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित किया जा सकता है."