देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, चुनाव के चलते प्रचार भी जोरों शोरो से चल रहा है. लेकिन गुजरात के आणंद में एक इंसान ऐसा है जो हूबहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा दिखता है. लोग इनसे मिलकर ऐसी ही खुशी जाहिर कर रहे हैं मानो वे पीएम मोदी से मिले हों.
यह दृश्य देखकर आप भी हैरान हो गए होंगे कि आखिर प्रधान नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में प्रचार छोड़कर गोलगप्पे क्यों बेचने लगे? लेकिन ये पीएम मोदी नहीं हैं बल्कि उनके जैसा दिखने वाला इंसान अनिल ठक्कर है. अनिलभाई ठक्कर आणंद के विद्या नगर के मोटा बाजार एरिया में वर्षों से पानी पुरी और चाट बेच रहे हैं.
18 साल के थे तब से लगाते हैं गोलगप्पे
अनिलभाई ठक्कर मूलतः जूनागढ़ के रहवासी हैं. वे अपने बच्चों की पढ़ाई के कारण यहां आकर बसे हैं. उनसे पहले उनके पिता और दादा गोलगप्पे की दुकान लगाते थे. जब अनिल ठक्कर 18 साल के थे तबसे वह गोलगप्पे की दुकान लगा रहे हैं. जैसे-जैसे दिन बीतते गए और पीएम मोदी की लोकचाहना बढ़ने लगी, उसके बाद अनिल ठक्कर की लोकप्रियता भी बढ़ने लगी. लोग अक्सर उन्हें कहते थे कि आप साइड फेस से नरेंद्र भाई मोदी दिखते हैं. अगर आप पहनावा उनके जैसा कर लेंगे तो हुबहु नरेंद्र मोदी ही दिखेंगे.
पीएम मोदी की तरह पहनने लगे कुर्ता और कोट
बस तभी से अनिल ठक्कर ने वडाप्रधान नरेंद्र मोदी जैसे कुर्ता और कोट पहनना शुरू कर दिया. साथ ही बाल और दाढ़ी भी वैसे ही बना ली. इतना ही नहीं अनिल ठक्कर नरेंद्रभाई मोदी को अपना आदर्श मानते हैं. अनिलभाई का पानीपुरी बनाने का तरीका आयुर्वेदिक है. वे पुरी भी हाइजेनिक तरीके से बनाते है.
सेल्फी खिंचवाते हैं लोग
जैसे ही अनिलभाई ने अपना स्टाइल बदला, वे हुबहु पीएम मोदी जैसे दिखने लगे. इसके बाद जहां लोग उनके यहां गोलगप्पे खाते थे, अब वे सेल्फी खिंचवाने लगे. इतना ही नहीं लोग अनिलभाई को नरेंद्र मोदी के नाम से ही पुकारने लगे. आज दूर दूर तक लोग उनके यहां गोलगप्पे खाने आते हैं.
अनिलभाई ठक्कर बताते हैं, “लोग अक्सर यहां आते हैं और कहते हैं कि पीएम साहब तक तो हम नही पहुंच पाएंगे, लेकिन आप मिल गए तो आपके साथ फोटो ले लेंगे. पानीपुरी तो मेरी पहले से ही फेमस थी, लेकिन मोदी लुक की वजह से मैं ज्यादा फेमस होने लगा हूं. मेरे परिवार में भी आज सब खुश हैं. मेरा पूरा जीवन संघर्ष भरा रहा है, लेकिन पिछले दो साल से हालत बेहतर हुए हैं. पब्लिक मुझे इज्जत देती है. इस प्यार और सम्मान को देखकर मेरे बच्चों को भी खुशी मिलती है.”
(हेताली शाह की रिपोर्ट)