एक फिल्म में अमिताभ बच्चन अपने एक कर्मचारी से कहते हैं कि मूछें हो तो नत्थू लाल जैसी हों, वरना ना हो… कुछ इसी तरह की मूछें हैं एएसआई पांडे की. इंदौर के ट्रैफिक एएसआई हर गोपाल पांडे ने नत्थू लाल से भी बड़ी मूछें रख ली हैं. लेकिन ये आज का शौक नहीं है. गोपाल पांडे अपने पिताजी की मूंछों से काफी प्रभावित थे, तभी से गोपाल पांडे को लगा की मूछ अपना एक अलग स्थान रखती है.
मूंछों से जाने जाते हैं पुलिस एएसआई पांडे
दरअसल, 58 साल के हरगोपाल पांडे अपनी मूंछों को लेकर पुलिस विभाग में अलग स्थान रखते हैं. अपनी रोबदार मूंछों के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं. एएसआई हरगोपाल पांडे जब से पुलिस डिपार्टमेंट में भर्ती हुए हैं तभी से उन्होंने अपनी मूछें बढ़ाना शुरू कर दी तीन. खासतौर पर इन्हें पुलिस प्रशासन की ओर से 300 प्रति माह मूंछों को संवारने के लिए दिया जा रहा है. लेकिन मूंछों को रखने के लिए उनका 1 हजार रुपए महीना खर्च अधिक होता है. गोपाल पांडे 1986 में पुलिस में भर्ती हुए थे और उसी समय से हरगोपाल पांडे ने अपने पिता से प्रेरित होकर मूंछ बढ़ाई थी. उस समय उनको ये पता था कि आगे चलकर यही मूंछ उन्हें पुलिस विभाग में सबसे अलग कर देगी.
मूंछों पर है गर्व
ट्रैफिक एस.आई हरगोपाल अपनी मूंछों पर सदा गर्व करते हैं क्योंकि कई मौके पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनकी मूंछों की तारीफ की जा चुकी है. आईजी डीआर लूथरा ने पांच बार उन्हें मूंछों को लेकर रिवॉर्ड दिया है. कई अधिकारी उनका सम्मान कर चुके हैं. कई नेता भी उन्हें जानते हैं. और ये सिर्फ मूंछों की बदौलत है. हरगोपाल पांडे ने बताया कि माधवराव सिंधिया ने भी एक मौके पर हर गोपाल सिंह की मूंछों के लिए तारीफ की थी. वहीं कई राजनीतिक नेताओं ने भी हरगोपाल की मूंछों के लिए उनकी तारीफ की है. जिस चौराहे पर खड़े होते हैं वहां पर नियम तोड़ने वाले भी एएसआई हर गोपाल पांडे की रोबदार मूंछों से भय खाते हैं.
हरगोपाल पांडे कहते हैं, “मूंछों के रखरखाव के लिए रोजाना करीब आधे घंटे का समय लगता है. इसे संवारने के लिए पुलिस विभाग में मेरी अलग पहचान है. मैं जबतक जीवित रहूंगा तब तक मूंछों को कभी नहीं कटवाऊंगा. कई बार ट्रैफिक सिग्नल पर मूंछों को लेकर विदेशी लोग भी रुक जाते हैं और सेल्फी लेते हैं.”
(धर्मेन्द्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)