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Pension Scheme For Trees: क्या है प्राणवायु देवता स्कीम, जिसके जरिए हरियाणा में मिल रही पेड़ों को भी पेंशन

trees will also get pension, Haryana: हरियाणा के वन-पर्यावरण मंत्री चौधरी कंवर पाल का कहना है कि जब भी वह कोई 75 साल पुराना पेड़ देखते थे तो उनके मन में बहुत अच्छी भावनाएं आती थी. यह पेड़ प्राणदायक वायु तो देते ही हैं साथ ही जीव जंतुओं को भी आश्रय देकर पर्यावरण को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

प्राणवायु देवता स्कीम प्राणवायु देवता स्कीम
हाइलाइट्स
  • हरियाणा में 75 साल पुराने पेड़ों को भी मिलेगी बुढ़ापा पेंशन

  • प्राणवायु देवता स्कीम के तहत पेड़ों को मिलेगा सरंक्षण

  • र्यावरण होगा शुद्ध, जीव जंतुओं को मिलता रहेगा आश्रय

अब हरियाणा के बुजुर्ग पेड़ों को भी बुढ़ापा पेंशन मिलेगी. यह योजना लागू कर के हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां पुराने पेड़ों को संरक्षित करने के लिए इस तरह का अनोखा फैसला लिया गया हो. हरियाणा के वन-पर्यावरण मंत्री चौधरी कंवर पाल का कहना है कि जब भी वह कोई 75 साल पुराना पेड़ देखते थे तो उनके मन में बहुत अच्छी भावनाएं आती थी. यह पेड़ प्राणदायक वायु तो देते ही हैं साथ ही जीव जंतुओं को भी आश्रय देकर पर्यावरण को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

इतिहास को संजोए हुए हैं पेड़

इसके अलावा यह पेड़ अपने आप में इतिहास को भी संजोए हुए होते है. उनके मन में था कि हमारे बुजुर्गो की तरह इन बुजुर्ग पेड़ों को भी पेंशन दी जाए ताकि उस पैसे से इनका सरंक्षण हो सके और इस से प्राण दायक वायु प्रदान करने वाले इन पेड़ों से कटाई का खतरा भी हट जायेगा. उन्होंने इस बारे में सीएम मनोहर लाल से बात की और सीएम ने इस बात को तुरंत स्वीकार कर लागू कर दिया.

क्या है प्राणवायु देवता स्कीम

हरियाणा सरकार ने प्राणवायु देवता स्कीम के तहत 75 साल से अधिक उम्र वाले पेड़ों को उतनी ही पेंशन देने का फैसला लिया है जितनी बुजुर्गो को दी जाती है. यह पेंशन सालाना होगी. इस योजना के जरिए राज्य में पुराने पेड़ों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा हर महीने 2500 रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है.

अब तक 3 हजार से ज्यादा पेड़ों के लिए मिले आवेदन

वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल ही में अंतरराज्यीय पर्यावरण की बैठक में हिस्सा लिया था उसमें कई प्रदेशों के मंत्रियों ने भी इस योजना की तारीफ की और इसके बारे में जानकारी भी ली. अभी तक 3 हजार 300 से ज्यादा पेड़ों का चयन कर लिया गया है और जैसे-जैसे लोग आवेदन करेंगे तो यह आंकड़ा बढ़कर 4 हजार तक जा सकता है.

-चंडीगढ़ से सतेंद्र चौहान की रिपोर्ट