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लेह से मनाली का सफर साइकिल से 55 घंटे में किया पूरा, प्रेरणादायक है पुणे की साइकिलिस्ट प्रीति मस्के की कहानी

Inspirational Story: आज के समय में लोगों के जीवन में स्वास्थ्य सबसे अहम मुद्दा हो गया है. खासकर कोरोना काल के बाद से लोग स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत भी हुए हैं. सुबह दौड़ने से लेकर जिम जाने तक लोग खुद को फिट रखने के लिए अलग-अलग तरीकों के साथ योग का भी सहारा लेते हैं. पुणे की प्रीति मस्के की कहानी कुछ इस तरह ही प्रेरणादायक है. खुद को फिट रखने के साथ उन्होंने देश का नाम भी रोशन किया है.

Who is Preeti Maske Who is Preeti Maske
हाइलाइट्स
  • गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में प्रीति मस्के ने दर्ज कराया नाम

देश में पिछले कुछ सालों में खेल के क्षेत्र में देश की महिलायें आगे आई हैं. अलग-अलग खेलों के साथ दुनिया की बड़ी प्रतियोगिताएं में भारतीय महिलाओं ने भारत का नाम रोशन किया है. कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली 45 वर्षीय प्रीति मस्के भी कर रही हैं. प्रीति साइकिल मैराथन में हिस्सा लेती हैं और लंबे राइड्स पर भी जाती हैं.

लेह से मनाली तक का सफर साइकिल से किया पूरा 

45 वर्षीय प्रीति मस्के इस उम्र में भी अपने हौसले और हिम्मत से देश का नाम रोशन कर रही हैं और साबित कर रही हैं कि जीवन में कुछ करने की लिए उम्र ज़रूरी नहीं है. इस साल प्रीति ने 55 घंटे और 13 मिनट में लेह से मनाली तक अकेले साइकिल चलाने का रिकॉर्ड क़ायम किया है और इस रुट पर ट्रैवल  करने वाली पहली महिला बनी है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और खुद मस्के के अनुसार 430 किमी की दूरी तय करके गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है.

40 साल की उम्र में साइकिल चलाना शुरू किया

प्रीति को स्वास्थ्य को लेकर काफी समस्या थी. वहीं साथ में एनीमिया, हार्मोनल असंतुलन और पीसीओएस की भी दिक्कत थी. प्रीति कहती हैं, मुझमें ऊर्जा की कमी थी. चाहे वह मेरा ऑफिस का काम हो या घर पर. मुझे बहुत जल्द थकान महसूस होने लगती थी. मुझमें सहनशक्ति की कमी थी. मैं रात को ठीक से सो नहीं पाती थी. लेकिन फिर 40 साल की उम्र में प्रीति ने साइकिल चलाना शुरू किया और उसके बाद उनकी तबियत में भी काफ़ी सुधार आने लगा.

प्रीति साइकिल चलाने के साथ-साथ घर को भी संभालती हैं और अब कुछ समय पहले इन्होंने अपनी एक साइकिल निर्माण कंपनी भी खोली है. प्रीति ने लेह से मनाली तक कीर्तिमान स्थापित करने के अलावा, चार पूर्ण मैराथन, 30 हाफ मैराथन और दो अल्ट्रासाउंड चलाए हैं. उन्होंने दिसंबर 2019 में 17 दिनों, 17 घंटे में कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3,773 किमी की दूरी साइकिल से सबसे तेज गति से पूरा करने का एक समूह विश्व रिकॉर्ड हासिल किया था.