महाराष्ट्र में पूणे के 50 वर्षीय क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) अनिल वालिव को चार साल पहले दिमाग से संबंधित एक समस्या के कारण इलाज के लिए जाना पड़ा था. हालांकि, रिकवरी के बाद उन्होंने तय किया कि वह अपने जीवन को समाज की भलाई के लिए लगाएंगे और इसकी शुरुआत उन्होंने HIV+ लोगों की मदद करके की. उन्होंने 3,000 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की शादी में मदद की है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वलिव का कहना है कि ये लोग अब न केवल खुशहाल जीवन जी रहे हैं बल्कि एचआईवी वायरस को फैलने से रोकने में समाज की मदद भी कर रहे हैं. उन्होंने विशेष रूप से एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए एक मैट्रीमोनियल साइट- http://www.positivesaathi.com/ लॉन्च की.
इस तरह मिली प्रेरणा
उन्होंने बताया कि एक आरटीओ के रूप में, वह बहुत से लोगों से मिलते हैं. एक दिन, वह माल परिवहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों पर लेक्चर दे रहे थे, तो उन्हें पता चला कि लगभग सभी ट्रक ड्राइवर एचआईवी संक्रमित थे. उनमें से कुछ ने अपनी कहानियां सुनाईं कि कैसे वे अचानक अपने ही घर में 'अछूत' हो गए और उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें छोड़ दिया.
अनिल ने ड्राइवरों की एक लिस्ट तैयार की और उन्हें प्राइवेसी का भरोसा दिलाया. वह कुछ डॉक्टरों से मिले और उनसे अपने साथ जुड़ने का आग्रह किया. फिर, उन्होंने मेडिकल ट्रीटमेंट और सोशल काउंसलिंग शुरू की. एक दिन, उनके एक डॉक्टर-मित्र ने अनिल को फोन किया और कहा कि एक 26 वर्षीय मरीज शादी करना चाहता है. डॉक्टर ने उन्हें एक दुल्हन ढूंढने के लिए कहा था जो एचआईवी पॉजिटिव हो.
खुद शुरू की अनोखी मैच-मेकिंग वेबसाइट
उन्होंने कई मैच-मेकिंग साइट्स खोजीं, लेकिन एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए कोई साइट नहीं मिली. उन्होंने अपने डॉक्टर मित्र को इस बारे में बताया. यह एक गंभीर स्थिति थी. इसका मतलब था कि अगर मरीज को दुल्हन नहीं मिली, तो वह एक सामान्य लड़की से शादी करेगा, जिससे वह भी संक्रमित हो जाएगी. अनिल ने यह सुनकर बेचैनी से एक एचआईवी पॉजिटिव लड़की की तलाश शुरू कर दी. लेकिन उनकी सारी कोशिशें बेकार गईं.
बहुत विचार-मंथन के बाद, उन्होंने तय किया कि एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए एक अलग मैच-मेकिंग वेबसाइट होनी चाहिए. हालांकि, ऐसे रोगियों पर डेटा इकट्ठा करना एक बड़ा काम था. उन्होंने अस्पतालों से पूछा कि क्या उनके पास एचआईवी मरीजों के लिए एक अलग वार्ड है. अगर वे चाहें, तो वे मरीज़ों को उस साइट पर पंजीकृत होने के लिए कह सकते हैं जिसे उन्होंने स्थापित किया है अगर वे दूल्हा या दुल्हन ढूंढना चाहते हैं.
3000 लोगों की हुई शादी
अनिल का कहना है कि उन्हें रजिस्टर्ड 100 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की पहली सूची प्राप्त हुई और फिर, उन्हें उस 26 वर्षीय मरीज के लिए मैच भी मिल गया. आज, उनकी वेबसाइट पर 2,000 ऐसे मरीज़ रजिस्टर्ड हैं जो सही साथी की तलाश में हैं. अब तक, उनकी वेबसाइट के माध्यम से 3,000 से अधिक लोगों ने शादी की है.
उन्होंने कहा कि वेबसाइट को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा है. सभी रजिस्ट्रेशन्स को वेरिफाई करना आसान नहीं था. कुछ लोगों ने अपनी नकली प्रोफ़ाइल, एक से ज्यादा प्रोफ़ाइल और विवाहित लोगों की प्रोफ़ाइल अपलोड करना शुरू कर दिया था. और तो और बहुत से लोग सिर्फ अपनी जाति की लड़की या लड़के और विशेष धर्म के साथ शादी करना चाहते हैं. लेकिन इस सबके बावजूद वह अपने काम में जुटे हैं.