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Age is just a number: 83 की उम्र में कैरम की क्वीन बनीं दादी, अच्छे-अच्छों को दे रही हैं मात

Age is just a number: जिस उम्र में लोग हर काम से रिटायरमेंट ले लेते हैं, उस उम्र में कैरम टूर्नामेंट जीत रही हैं यह दादी.

Dadi practicing carrom (Photo: Twitter/@akshyamarathe) Dadi practicing carrom (Photo: Twitter/@akshyamarathe)
हाइलाइट्स
  • बचपन से रहीं खेलने की शौकीन 

  • पोते ने कराई प्रैक्टिस

कुछ नया करने की या कोई पुराना शौक फिर से जीने की, कोई तय उम्र नहीं होती है. और इस बात को साबित कर रही हैं पुणे 83 वर्षीया गृहिणी वसंती माधव उत्तरकर. इंटरनेट सेंसेशन बन चुकीं दादी, कैरम में अपने अद्भुत कौशल के लिए फेमस हैं.  पुणे में हाल ही में ऑल-मगरपट्टा सिटी कैरम टूर्नामेंट के डबल्स में उन्होंने गोल्ड तो सिंगल्स में ब्रॉन्ज जीता है.  

टूर्नामेंट से उनका वीडियो, उनके 27 वर्षीय पोते, अक्षय मराठे ने ट्वीट किया और धीरे-धीरे यह वायरल हो गया. हालांकि, दादी का नाता सिर्फ कैरम से नहीं है बल्कि वह तो डिस्क, कबड्डी और खो-खो जैसे खेल भी खेल चुकी हैं. 

बचपन से रहीं खेलने की शौकीन 
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, वसंती ने बताया कि खेल के साथ उनका एक लंबा अनुभव रहा है. उन्होंने अपनी शादी के 12 साल बाद डिस्क उठाई, और महाराष्ट्र के खोपोली में रहते हुए अक्सर अपने पति को कंपनी देने के लिए खेलती थीं. उन्होंने कॉम्पिटिशन में जाना शुरू किया और वह अच्छा खेलती थीं. बचपन में अपने पिता के सपोर्ट से उन्होंने कबड्डी और खो-खो भी खेला है.

हालांकि, जिंदगी हमेशा एक जैसी नहीं रहती और शायद इसलिए ही साल 1978 के बाद उन्होंने कैरम खेलना बंद कर दिया था. लेकिन 43 साल बाद, अपने पड़ोसी से प्रोत्साहित होकर, उन्होंने फिर से खेल को अपनाने का फैसला किया. 

पोते ने कराई प्रैक्टिस
कैरम टूर्नामेंट हर साल आयोजित किया जाता है. लेकिन वसंती को इसके बारे में पिछले साल पता चला. मगर एक मैच खेलके देखा तो पता चला रूल्स चेंज हो गए हैं और वह हार गईं. उन्हें लगा कि अब वह बात नहीं रह गई लेकिन उनके पड़ोसियों और उनके पोते ने उन्हें हार नहीं मानने दी. 

उनके पोते ने उनकी प्रैक्टिस कराई. वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर उनके साथ कैरम खेलते थे. और धीरे-धीरे एक बार फिर उनकी पकड़ खेल पर बन गई और उन्होंने टूर्नामेंट में नाम कमाया.