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Strawberry Farming: पारंपरिक खेती छोड़कर शुरू किया स्ट्राबेरी उगाना, अब सालाना कमाई लाखों में, दूसरों को भी दिया रोजगार

Strawberry Farming: पंजाब के फरीदकोट जिले में एक किसान दंपति लोगों के लिए मिसाल बनकर सामने आया है. जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती करके इस किसान दंपति ने दूसरों को प्रेरणा दी है.

Strawberry Farming Strawberry Farming
हाइलाइट्स
  • सबसे पहले इकट्ठा की जानकारी

  • सरकार से ज्यादा सब्सिडी की मांग 

पंजाब में ज्यादातर किसान धान और गेहू की फसल पर ही निर्भर हैं. लेकिन कुछ किसान इस फसली चक्र से बाहर निकल कर दूसरी फसलों में किस्मत आजमा रहे हैं. आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे ही किसान दंपति की कहानी. पंजाब के जिला फ़रीदकोट के छोटे से गांव मानीसिंह वाला के रहने वाले किसान किसान प्रदीप सिंह अपनी पत्नी, कुलविंदर कौर के साथ मिल कर स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) कर रहे हैं. 

फरीदकोट में सिर्फ प्रदीप सिंह ही स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं और गांव की दूसरी महिलाओ को भी रोजगार दे रहें है. प्रदीप पुणे से स्ट्रॉबेरी की सैपलिंग खरीदकर अपने खेतों में रोपते हैं.  इनकी स्ट्रॉबेरी की फसल आज पूरे पंजाब भर मे बेची जा रही हैं. दो साल से धान और गेहूं की फसल को छोड़ प्रदीप सिंह स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. 

पहले इकट्ठा की जानकारी
गुड न्यूज टूडे से बात करते हुए प्रदीप सिंह ने बताया, "मैंने यह स्ट्रॉबेरी की खेती करीब दो साल पहले शुरू की थी. सबसे पहले यह जाना कि इस खेती को कैसे करते हैं. जहां-जहां भी इस स्ट्रॉबेरी की खेती होती है वहां जाकर इसके बारे में जाना-समझा. फिर अपने खेत मे इसकी शुरुआत की." स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए वह पुणे से स्ट्रॉबेरी की अच्छी पनीरी खरीद कर लाए और फिर थोड़ी जमीन पर रोपाई करके देखा. उन्हें अच्छे परिणाम मिले तो इसके बाद उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती करने की ठान ली.  

प्रदीप सिंह के इस काम में उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा योगदान है. कुलविंदर कौर सारा दिन खेत में काम करती हैं और गांव की दूसरी महिलाओं को भी उन्होंने काम पर रखा है. वह स्ट्रॉबेरी की अच्छी तरह पैकिंग करती हैं और फिर प्रदीप उपज को मंडी में ले जाता हैं. उनका कहना है कि उनकी सारी उपज बिक जाती है. मार्केटिंग में कोई समस्या नहीं आती है. स्ट्राबेरी की फसल का धान और गेहूं से ज्यादा अच्छा दाम मिलता है. छह महीने में करीब 5 लाख की कमाई हो जाती है, जो दूसरी फसलों से कहीं ज्यादा है. 

सरकार से ज्यादा सब्सिडी की मांग 
प्रदीप का कहना है कि इस खेती में मेहनत ज्यादा है लेकिन अच्छा रिटर्न है. उन्होंने इसी खेत मे स्ट्रॉबेरी के साथ-साथ मिर्च और प्याज भी लगा रखा है. हालांकि, उनका कहना है कि सरकार को इस फसल पर ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी देनी चाहिए ताकि सभी किसान इस फसल को लगा सकें. वे दूसरे किसानों को भी यह कहते हैं कि रिवायती खेती को छोड़ कर कुछ अलग ट्राई करें. जो बच्चे विदेश का रुख कर रहे हैं अगर उन्हें भारत में अच्छा भविष्य दिखेगा तो वे भी बाहर नहीं जाएंगे. 

कुलविंदर कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब उनके पति ने उनसे कहा कि वे स्ट्राबेरी की खेती करना चाह रहे हैं लेकिन इसमें बहुत मेहनत है तो उन्होंने तुरंत हां कर दी और कहा कि वे हमेशा उनका साथ देंगी. इस खेती में महिलाएं बहुत काम करती हैं.  स्ट्रॉबेरी तोड़ने से लेकर पैकिंग करने तक का काम खुद करना होता है. लेकिन कुलविंदर का कहना है कि वह खुद किसान की बेटी हैं. बचपन से ही खेतों में ही रही हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है खेतों में काम करने में. इससे उनका घर ही आगे बढ़ रहा है.  

(प्रेम पासी की रिपोर्ट)