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सिक्योरिटी गार्ड ने नहीं देखने दिया प्लेन का टेकऑफ तो बना दिया खुद का एयरक्राफ्ट, मात्र 5वीं पास है यह मैकेनिक

राजस्थान के चुरू में एक पांचवी पास शख्स ने अपना खुद का एयरक्राफ्ट बनाया है. यह 2-सीटर एयरक्राफ्ट उन्होंने 8 साल की मेहनत के बाद तैयार किया है जो 150 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.

Aircraft built by 5th pass mechanic Aircraft built by 5th pass mechanic
हाइलाइट्स
  • यह प्लेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है

  • 150 फीट की ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान

राजस्थान में चूरू जिले के गांव दस्सुसर में कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग की छोटी-सी दुकान चलाने वाले एक मैकेनिक ने जिद्द में आकर एयरक्राफ्ट बना डाला है. एयरक्राफ्ट बनाने की जिद्द कहे या जनून, पर यह बात हैरान करने वाली है. आखिर इस मैकेनिक को ऐसी क्या सूझी कि उसने एयरक्राफ्ट बना  दिया. 

इस मैकेनिक का नाम है बजरंग. GNT Digital से बात करते हुए बजरंग ने बताया कि एक बार जयपुर एयरपोर्ट पर वह घूमने गए थे. लेकिन वहां पर सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें प्लेन को टेकऑफ करते देखने से मना कर दिया. बजरंग को यह बात चुभ गई और उसी समय बजरंग ने ठान लिया कि अब अपना एयरक्राफ्ट बनाकर ही उड़ाऊंगा. 

8 साल बाद बनाया अपना एयरक्राफ्ट
एयरक्राफ्ट बनाने का जनून बजरंग के सिर पर कुछ ऐसा सवार हुआ कि वह लगातार 8 साल तक इसमें लगे रहे. और आखिरकार खुद का 2 सीटर एयरक्राफ्ट तैयार कर लिया. बजरंग का दावा है कि प्लेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. बजरंग उर्फ बृजमोहन अपनी दुकान से होने वाली ज्यादातर कमाई को एयरक्राफ्ट बनाने में लगाते रहे.  

साथ ही, आर्थिक सहयोग के लिए कुछ लोगों से मदद भी ली. उनका कहना है कि लगभग 15 लाख खर्च करने के बाद अब उनका एयरक्राफ्ट तैयार हुआ है. बजरंग ने बताया कि एयरक्राफ्ट में वैगनआर कार का इंजन लगाया है. फ्यूल टैंक 45 लीटर का है जिसमें 150 किलोमीटर तक उड़ान भरी जा सकती है. इसको ऑपरेट करने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल में जीपीएस सिस्टम लगा है. 

150 फीट की ऊंचाई तक भर सकता है उड़ान
बजरंग ने आगे बताया कि एयरक्राफ्ट की बॉडी एल्युमीनियम स्टील में लोहे से तैयार की गई है और विंग एलुमिनियम से तैयार किए गए हैं. अंदर का कवर अमेरिकन तिरपाल से बनाया है. बहारी विंग्स लकड़ी से बनाए गए हैं और फ्रंट शीशा प्लास्टिक का है. उनका कहना है कि एयरक्राफ्ट पेट्रोल से उठेगा और 150 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. 

बजरंग के टीचर भी इस अविष्कार से हैरान हैं. उनक बचपन के टीचर दानाराम का कहना है कि बजरंग पढ़ाई में औसत ही था और मात्र पांचवी क्लास तक ही पढ़ा है. पर इसके बावजूद उसने गजब की प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिल सकती है अनुमति
बजरंग के पिता ताराचंद कलवानिया खेती व मिस्त्री का काम करते हैं. तीन भाइयों में वह सबसे छोटा है. दोनों बड़े भाई रामेश्वर व मदन खेती-बाड़ी करते हैं. बजरंग मोबाइल एवं कंप्यूटर, लैपटॉप रिपेयरिंग का काम करता है. अब सवाल है कि क्या नागरिक उड्डयन मंत्रालय देगा उनके एयरक्राफ्ट को उड़ाने की अनुमति देगा. 

इस बारे में कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि बजरंग के द्वारा बनाए गए एयरक्राफ्ट को परिहारा हवाई पट्टी पर आने की अनुमति नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से दी जाएगी. अगर एयरक्राफ्ट में सब सही होगा तो वह इसकी अनुशंसा नागरिक उड्डयन विभाग को करेंगे और हो सकता है कि मंत्रालय से अनुमति मिल जाए. 

(विजय चौहान की रिपोर्ट)