
असफलताएं सफलता की नींव होती हैं. मेहनत और लगन है तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है. इसे मध्य प्रदेश में जबलपुर के 56 साल के राजकरण बरौआ ने सच साबित कर दिया. राजकरण 25 साल से एमएससी की परीक्षा दे रहे हैं. वो 23 बार फेल भी हुए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 24वीं बार फिर परीक्षा में बैठे. इस बार उन्होंने वो हासिल कर लिया, जिसका इंतजार वो काफी लंबे समय से कर रहे थे. राजकरण ने गणित में एमएससी की डिग्री हासिल कर ली है.
23 बार अफसलता के बाद मिली सफलता-
राजकरण ने गणित में मास्टर डिग्री हासिल करने में 25 साल लगा दिए. राजकरण सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. डबल शिफ्ट करना पड़ता है. उनके जीवन में तमाम कठिनाइयां हैं. लेकिन इस दौरान भी उन्होंने अपने जुनून को जिंदा रखा और साल 2021 में एमएससी पास हो गए.
चुपचाप मनाया जश्न-
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजकरण ने बताया कि मैं सिर्फ बंद दरवाजों के पीछे ही जश्न मना सकता था. मैं बाहर जाकर किसी को नहीं बता सका, क्योंकि मेरे मालिक अपने बच्चों को मेरा उदाहरण देते थे और ताना मारते थे. वे कहते थे कि उसके दृढ़ संकल्प को देखो, इस उम्र में वो कितनी मेहनत कर रहा है. राजकरण कहते हैं कि मैं उनको शर्मिंदा नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने चुपचाप जश्न मनाया और इसे खुद तक ही सीमित रखा. उनका कहना है कि अब मैंने वह नौकरी छोड़ दी है, इसलिए अब मैं लोगों को बता सकता हूं.
सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं राजकरण-
राजकरण बरौआ सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. उनको हर महीने 5000 रुपए मिलते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उनका कहना है मुश्किल से उनका गुजारा हो पाता है. वो बताते हैं कि लेकिन मेरा मानना है कि पिछले 25 सालों में मैंने इस एमएससी गणित की डिग्री पाने के लिए किताबों, एग्जाम फीस और संबंधित खर्चों पर 2 लाख रुपए खर्च किए हैं. मैं तो बस ये चाहता था कि परीक्षा पास करूं और मैथ में स्नातकोत्तर कहलाऊं.
पढ़ाई के लिए नहीं की शादी-
राजकरण ने अपना सपना पूरा करने के लिए शादी भी नहीं की. उन्होंने कहा कि मैंने साल 1996 में एमए किया था, एक दिन मैं स्कूल गया और बच्चों को मैथ पढ़ाया. टीचर्स ने इसकी तारीफ की. इसके बाद मेरे मन में गणित में एमएससी करने का विचार आया. उन्होंने बताया कि इसके बाद साल 1996 में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गणित में एमएससी के लिए आवेदन किया था. उनका कहना है कि उस वक्त उनको ये नहीं पता था कि ये इतना कठिन होगा. इसे पूरा करने में 25 साल का वक्त लग जाएगा.
राजकरण ने बताया कि 10 सालों तक मैं 5 विषयों में से सिर्फ एक में पास हो सका. लेकिन हार नहीं मानी. इसके बाद दो सब्जेक्ट में पास हुआ. साल 2020 में कोरोना काल के दौरान मैंने प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की और 2021 में मैंने दूसरे वर्ष की परीक्षा पास कर ली.
ये भी पढ़ें: