रेस्टोरेंट एक ऐसी जगह जहां हम आप खाना खाते हैं. लेकिन सोचिए कि अगर रेस्टोरेंट पर हाथी खाना खाते दिखे तो कैसा नजारा होगा. ओडिशा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कुछ ऐसा ही अब आपको देखने को मिलेगा. यहां हाथियों के लिए रेस्टोरेंट खोला गया है. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये किस तरह का रेस्टोरेंट है और हाथियों को नास्ते और खाने में क्या दिया जाएगा.
खाना खाने आते हैं कुमकी हाथी
ओडिशा के चंदका वन्यजीव अभयारण्य में हाथी रेस्टोरेंट खोला गया है. खाना खाने कुमकी हाथी आते हैं. दरअसल में कुमकी हाथी उसे कहा जाता है जो बाकी हाथियों को काबू में रखते हैं और जंगलों में बाघों की निगरानी करते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी जंगलों में बाघों की संख्या बढ़ रही है इसलिए कुमकी हाथियों की संख्या भी बढ़ी है. ये वे युवा हाथी होते हैं जो अपने झुंड से अलग हो जाते हैं. फिर वन अधिकारी उसे लाते हैं और ट्रेनिंग देते हैं. फिलहाल चंदका वन्यजीव अभ्यारण्य में 6 हाथी हैं जिनकी देखभाल के लिए 13 महावत और सहायक महावत हैं.
क्यों खोला गया रेस्टोरेंट ?
हाथियों को ट्रेनिंग के दौरान पौष्टिक भोजन मिल सके इसलिए ये रेस्टोरेंट खोला गया है. इस रेस्टोरेंट में खाना खाने 6 हाथी आते हैं और इन हाथियों के नाम उमा, मामा, कार्तिक,जग, चंदू और शंकर हैं. इन्हें सुबह का नाश्ता और दिन का भोजन दिया जाता है. रोचक बात ये कि सभी हाथी अपने-अपने लिए बनाए गए बूथ पर खाना खाते हैं. सभी के नाम से बूथ बनाया गया है. और उनको बूथ की पहचान करना सिखाया गया है.
ब्रेकफास्ट और लंच का मेनू
सुबह 8.30 बजे हाथियों को ब्रेकफास्ट दिया जाता है. ब्रेकफास्ट में गाजर, गन्ना, तरबूज और नारियल जैसे फल दिया जाता है. दोपहर में स्नान के बाद लंच में गेहूं, मकई का पाउडर, बाजरा, अरंडी का तेल, गुड़ और कुलथी दिया जाता है. बता दें कि ग्रेनाइट की थाली में हाथियों को खाना दिया जाता है. रात के डिनर में घास, पेड़ की शाखाएं, केले का तना और पुआल दिया जाता है. एक हाथी के भोजन और ट्रेनिंग पर रोज का 1500 रुपये खर्च आता है.