घरों में साफ-सफाई के लिए बहत से लोग रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर खरीदते हैं. इससे समय की बचत तो होती ही है साथ ही साफ-सफाई भी अच्छी तरह से हो जाती है. अब जरा सोचिए, साफ-सफाई के लिए घर में लगाया हुआ वैक्यूम क्लीनर अचानक आपको गालियां देने लगे या आपके पेट्स को दौड़ाने लगे तो क्या होगा?
सुनने में से थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन अमेरिका के कई घरों में ऐसा ही हुआ है. एक ब्रांड के वैक्यूम क्लीनर को हैक कर लिया गया, जिससे वे अजीब हरकते करने लगा. जिससे लोग परेशान हो गए है.
क्या होता है रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर?
रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर सफाई करने वाला डिवाइस है. यह छोटा और गोल आकार का होता है, और इसमें सेंसर्स होते हैं जो इसे दीवारों और फर्नीचर से टकराने से बचाते हैं. आप इसे साफ-सफाई के लिए अपने टाइम के हिसाब से प्रोग्राम कर सकते हैं, और यह अलग-अलग सतहों, जैसे टाइल, लकड़ी और कालीन पर भी अच्छे से काम कर सकता है. इसके अंदर एक डस्टबिन होता है, जिसमें कचरा इकट्ठा होता है. कुछ मॉडल में वाई-फाई कनेक्टिविटी भी होती है, जिससे आप इसे स्मार्टफोन ऐप के जरिए भी कंट्रोल कर सकते हैं.
रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर दे रहा गालियां
अमेरिका में रोबोट वैक्यूम क्लीनर को हैकर्स ने अपने काबू में कर लिया जिससे ये गालियां देने लगे और अपने मालिक पर भड़ास निकालने लगे. मिनेसोटा के वकील डैनियल स्वेन्सन भी इस अजीबोगरीब हमले का शिकार हुए. उन्होंने बताया कि वैक्यूम क्लीनर से रेडियो सिग्नल जैसी अजीब आवाजें आने लगीं और जब उन्होंने उसे रीसेट करने की कोशिश किया तो वैक्यूम क्लीनर ने चौंकाने वाले गालियों से शोर मचाना शुरू कर दिया. ऐसे ही कई मामले अमेरिका के अलग-अलग शहरों से सामने आए. लॉस एंजेलिस के एक निवासी ने बताया कि उनका Deebot X2 उनके कुत्ते का पीछा करते हुए गालियां दे रहा था. इसी तरह एल पासो में, एक वैक्यूम क्लीनर रात के समय गालियां देने लगा, जिससे परिवार डर गया.
चीन की कंपनी सुरक्षा को लेकर विवादों में
ज्यादातर साइबर हमलों का निशाना Ecovacs Deebot X2 मॉडल बने हैं, चीन की ये कंपनी इकोवाक्स, अपनी सेफ्टी को लेकर पहले भी विवादों में रही है. कंपनी के रोबोट वैक्यूम, जिनमें कैमरे और स्पीकर हैं, लंबे समय से साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील रहे हैं. Deebot X2 की सुरक्षा कमजोरियों के बारे में पहले भी चेतावनियां मिली है, जिसके बावजूद भी इकोवाक्स ने सुरक्षा खामियों को ठीक नहीं किया. हैकर्स ने “क्रेडेंशियल स्टफिंग” नामक एक तकनीक का उपयोग किया है, जिससे पुराने पासवर्ड का इस्तेमाल करके यूजर्स के डिवाइस तक फिर से पहुंचा जा सकता है.
हैकर्स ने बढ़ाई यूजर्स की चिंताएं
इन डिवाइस में कैमरे और स्पीकर लगे रहते हैं जिसके जरिए हैकर्स इन डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर कंट्रोल कर सकते हैं और सुरक्षा खामियों का फायदा उठाकर मालिकों की जासूसी या गालियां देने जैसे काम कर सकते हैं. यह घटना स्मार्ट होम डिवाइस में बढ़ती साइबर सुरक्षा की खामियों की ओर सबका ध्यान खींचती है.