बिहार में सीतामढ़ी शहर के तीन युवाओं ने मिलकर रोटी बैंक की शुरूआत की है. जिसके जरिए वे गरीब और असहाय लोगों का पेट भर रहे हैं. इस साल 13 मई को संस्कार भरतिया, विनय हिसारिया व मयंक सुन्दरका ने अपने प्रयासों से सीतामढ़ी में रोटी बैंक की शुरुआत की.
अलग-अलग जगह बांटते हैं खाना
रोटी बैंक के सभी सदस्य प्रतिदिन सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन परिसर में रात को खाना बांटते हैं. यहां पर बहुत से गरीब परिवारों के लोग, ट्रेन के इंतजार में रुके यात्री, भिखारी, रिक्शा चालक आदि होते हैं. इन युवाओं ने खाने के 51 पैकेट बांटने से शुरूआत की थी. लेकिन अब ये लोग हर रोज लगभग 100 लोगों को खाना खिला रहे हैं.
अपनी इस पहल में इन युवाओं को स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद का भरपूर समर्थन मिल रहा है. मयंक और संस्कार ने बताया कि किसी का जन्मदिन हो, शादी की सालगिरह हो या खुशी का कोई भी अवसर, बहुत से लोग रोटी बैंक के सहयोग से जरूरतमंद लोगों को भोजन कराते हैं.
पूरे हुए 50 दिन
रोटी बैंक को शुरू हुए 50 दिन हो चुके हैं. और इन समाजसेवियों की पहल की हर कोई सराहना कर रहा है. स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद ने कहा कि युवाओं की पहल सराहनीय है और ये सम्मान के हक़दार हैं. इनकी लगन और निःस्वार्थ भावना के कारण आज बहुत से लोगों का पेट भर रहा है.
आपको बता दें कि रोटी बैंक आज देश के कई शहरों में अलग-अलग लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं. इन सबका उद्देश्य सिर्फ यही है कि कोई भी भूखा न सोए.
(केशव आनंद की रिपोर्ट)