
उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को संभल में शाही जामा मस्जिद के ठीक सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन किया. यह दो मंजिला 'हाई-टेक कॉम्प्लेक्स है जिसमें कर्मचारियों के रहने के लिए कई कमरे हैं. इस चौकी, को बनने में लगभग 100 दिन लगे. इस चौकी पर भगवद गीता का प्रसिद्ध श्लोक अंकित है - "यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर् भवति भारत... (जब भी धर्म में कमी आती है...)"
इसके मुख्य गेट के सामने, एक प्रतीकात्मक रथ है, जिसे राजस्थानी संगमरमर के पत्थरों से हाथ से बनाया गया है. रामायण के शिलालेख भी हैं. सबसे दिलचस्प बात यहा है कि इस चौकी के निर्माण में उन ईंटों का भी इस्तेमाल किया गया है जो पिछले साल की हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर फेंकी थीं. इस हिंसा में पांच लोग मारे गए थे और कई कर्मचारी घायल हो गए थे.
नौ साल की बच्ची ने किया उद्घाटन
24 नवंबर को जामा मस्जिद में न्यायालय के निर्देश पर किए गए सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. रामनवमी के दिन सम्भल के डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई की अगुवाई में इस चौकी का उद्घाटन हुआ और नौ साल की बच्ची गुनगुन कश्यप ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया. डीएम पेंसिया ने कहा कि संभल में मिलीजुली आबादी है. यह चौकी बीच में बनी है. इसमें वॉच टावर है - जो शहर का सबसे ऊंचा स्थान है - और 'सेफ सिटी संभल' प्रोजेक्ट के लिए सीसीटीवी कंट्रोल रूम भी है.
चौकी का डिजाइन किसी धर्म विशेष से प्रेरित नहीं है, बल्कि भारत के संविधान से प्रेरित है. एसपी बिश्नोई ने कहा, "यह जिले की पहली हाई-टेक पुलिस चौकी है, जहां पुलिस स्टेशन के बराबर स्टाफ तैनात रहेगा. अतिरिक्त बल मौजूद रहेंगे. इसे सुरक्षा बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है. जिले का कंट्रोल रूम इसी चौकी में होगा. भल के सभी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी यहीं से की जाएगी."