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शानदार पहल! नोएडा के सरकारी अस्पताल में ट्रांसजेंडर के लिए बनाया गया अलग काउंटर

ट्रांसजेंडर की ऐसी समस्या को नोएडा जिला अस्पताल प्रशासन ने समझा है. जिला अस्पताल में अब ट्रांसजेंडर के लिए भी अलग से काउंटर बनाए गए हैं. इस तरह की शुरुआत करने वाला नोएडा का जिला अस्पताल शायद यूपी का पहला अस्पताल है.

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यूं तो देश में ट्रांसजेंडर के लिए बहुत कुछ बदल चुका है. अब ट्रांसजेंडर के हक को भी लोग बढ़ावा देते दिखाई पड़ते हैं. समाज में ऐसे बहुत सारे उदाहरण मौजूद हैं जिनको देखकर पता चलता है कि कई मामलों में ट्रांसजेंडर को लोगों ने खुले दिल से स्वीकार किया है. इसके बावजूद पब्लिक प्लेसेस में आपको ट्रांसजेंडर की मौजूदगी बहुत कम देखने को मिलती है. खासकर अस्पताल में तो इनकी संख्या ना के बराबर होती है. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि ट्रांसजेंडर भीड़ में खुद को ज्यादा कंफर्टेबल महसूस नहीं करते.

ट्रांसजेंडर की ऐसी समस्या को नोएडा जिला अस्पताल प्रशासन ने समझा है. जिला अस्पताल में अब ट्रांसजेंडर के लिए भी अलग से काउंटर बनाए गए हैं. इस तरह की शुरुआत करने वाला नोएडा का जिला अस्पताल शायद यूपी का पहला अस्पताल है. यहां ना सिर्फ रजिस्ट्रेशन काउंटर ट्रांसजेंडर के लिए अलग से बनाया गया है बल्कि फार्मेसी में भी ट्रांसजेंडर के लिए अलग काउंटर का इंतजाम किया गया है. 

इलाज से वंचित ना रह जाएं
जिला अस्पताल की चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर रेनू अग्रवाल बताती हैं कि अक्सर उनके पास ट्रांसजेंडर आते थे और बताते थे कि उन्हें कोई लाइन में लगने नहीं दे रहा है. पुरुष और महिला दोनों ही लाइनों में खड़े होने में उनको समस्या होती थी. हमें यह महसूस हुआ कि कहीं ऐसा ना हो कि इस बात के चलते ट्रांसजेंडर अच्छे इलाज से वंचित रह जाएं इसलिए हमने उनके लिए यह व्यवस्था की है.

डॉक्टर रेनू अग्रवाल ये भी बताती हैं कि अस्पताल में ट्रांसजेंडर मरीजों की संख्या बहुत कम है. ऐसे में ट्रांसजेंडर के लिए बनाए गए काउंटर पर आम लोग भी लाइन में लगकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं लेकिन जब भी ट्रांसजेंडर आएंगे तो उन्हें इस लाइन में प्राथमिकता पर रखा जाएगा उनका काम पहले किया जाएगा.

राहत पहुंचाएगी ये व्यवस्था
जिला अस्पताल की इस पहल का आम लोग भी स्वागत करते हुए दिखाई पड़ते हैं. अपनी मां के इलाज के लिए आई रीना बताती हैं कि मैंने खुद कई बार आम लोगों को ट्रांसजेंडर के साथ बदतमीजी करते हुए देखा है. कई लोग अभी भी ऐसे हैं जो उनके साथ सामान्य व्यवहार नहीं करते. ऐसे में अस्पताल में ट्रांसजेंडर के लिए अलग से की गई व्यवस्था उन्हें बहुत राहत पहुंचाएगी.

इलाज करवाने आय सौरभ भी यही मानते हैं कि इससे ट्रांसजेंडर की हेल्थ में भी सुधार होगा. सौरभ कहते हैं कि सिर्फ अस्पताल ही नहीं बल्कि सरकारी योजनाओं में भी ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि ट्रांसजेंडर उन तक आसानी से पहुंच सकें और अपना हक पा सकें.