गर्मियों के सीजन में लोग फलों में सबसे ज्यादा शाही लीची को खाना पसंद करते है. अब बिहार के बाहर महानगरों के लोग भी इस शाही लीची के स्वाद को चख पाएंगे. समस्तीपुर से इस शाही लीची की पहली खेप मुंबई के लिए रवाना कर दी गई है. बता दें कि शाही लीची की मांग को देखते हुए समस्तीपुर के किसानों ने राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से अच्छी गुणवत्ता वाली लीची का कारोबार शुरू किया है.
इसी क्रम में कुछ किसानों ने समस्तीपुर रेलमंडल के सीनियर डीसीएम शुचि सिंह से संपर्क कर 4 टन के करीब लीची मुंबई भेजने के लिए पार्सल वैन की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी. पहली बार 11062 पवन एक्सप्रेस में 3.9 कैपिसिटी वाले एसएलआर को जोड़ा गया ताकि कम खर्च पर समस्तीपुर जिले के किसान लीची को मुंबई भेज सके.
मुंबई वाले शाही लीची का चखेंगे स्वाद
शाही लीची का स्वाद अब बिहार तक ही सीमित नही रहेगा. इसका स्वाद मुंबई वाले भी चख सकेंगे. इसके लिए रेलवे ने पहल कर समस्तीपुर स्टेशन से शाही लीची की पहली खेप मुंबई के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. 11062 पवन एक्सप्रेस, जो जयनगर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल को जाती है, उस ट्रेन में 3.9 टन के क्षमता वाली एसएलआर को जोड़ा गया है. इस ट्रेन में लीची ट्रांसपोर्ट करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे. स्टेशन पर गुब्बारे से पार्सल वैन को सजाया गया था.
लीची के हर एक पैकेट पर क्विक रेस्पॉन्स कोड (QR code) का स्टिकर लगाया गया था. रेलवे ने समस्तीपुर से पहली बार 3.9 टन लीची मुंबई वासियों के लिए भेजी है. यह सुविधा लगातार किसानों को मिलती रहेगी.
कम खर्च पर मुंबई पहुंचेगी लीची
पवन एक्सप्रेस से लीची भेजे जाने पर किसानों के खुशी का ठिकाना नही था. किसानों ने बताया कि मुंबई लीची भेजने में पांच गुणा ज्यादा खर्च लग जाता था. इसके लिए पहले मुजफ्फरपुर, गोरखपुर और बनारस लीची को भेजनी पड़ती थी, तब वहां से लीची मुंबई के लिए जा पाती थी जिसके वजह से समय बर्बाद होने के साथ साथ भाड़ा भी ज्यादा लग जाता था.
समस्तीपुर में यह सुविधा मिल जाने से अब कम खर्च पर ही शाही लीची हम मुंबई भेज पा रहें है. कुल मिलाकर देखा जाए तो अहमदाबाद साउथ के साथ साथ अब मुंबई वासी भी समस्तीपुर के लीची का स्वाद आसानी से चख सकेंगे.
(जहांगीर आलम की रिपोर्ट)