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आर्डर! आर्डर! ईश्वर हाजिर हों….अदालत में हुई शंकर भगवान की पेशी, अवैध कब्जे पर दिया गया नोटिस 

कुछ दिन पहले रायगढ़ के राजस्व अधिकारियों ने शिव मंदिर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस दिया था. जिसके बाद 25 मार्च को गांव वालों ने रायगढ़ के शिव मंदिर स्थित शिवलिंग को उखाड़कर ठेले पर ले जाकर कोर्ट में पेश किया. रायगढ़ कस्बे के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत पर नोटिस जारी किया गया था.

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हाइलाइट्स
  • 13 अप्रैल को होगी फिर से सुनवाई 

  • 10 हजार जुर्माना लगाने की भी कही बात 

क्या आपने कभी भगवान की कोर्ट में पेशी देखी है? चौंकिए नहीं, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. रायगढ़ के राजस्व अधिकारियों ने भगवान को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा, जिसके बाद भगवान की अदालत में जज के सामने हुई. हालांकि, पहले अधिकारियों ने भगवान शंकर को आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया, और इसके बाद कोर्ट में हाजिर न होने की वजह से 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की भी बात कही.

13 अप्रैल को होगी फिर से सुनवाई 

दरअसल, कुछ दिन पहले रायगढ़ के राजस्व अधिकारियों ने शिव मंदिर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस दिया था. जिसके बाद 25 मार्च को गांव वालों ने रायगढ़ के शिव मंदिर स्थित शिवलिंग को उखाड़कर ठेले पर ले जाकर दरबार में पेश किया. हालांकि, सुनवाई रद्द कर दी गई और सुनवाई अब 13 अप्रैल तय की गई है.

ग्रामीण शिव मंदिर सहित हुए कोर्ट में पेश 

स्थानीय पार्षद सपना सिद्दर ने मीडिया के हवाले से कहा, "ग्रामीणों और शिव मंदिर को एक तहसील कार्यालय ने अदालत में पेश होने का नोटिस दिया गया था और 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. इसलिए हम शिवलिंग के साथ अदालत में पेश हुए हैं. लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद, एक नोटिस पोस्ट किया गया था कि अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. हमें इस बारे में पहले सूचित नहीं किया गया था, हमारे गांव की रहने वाली सुधा राजवाड़े ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हमने उनसे ऐसा न करने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि वह एक सरकारी अधिकारी है और अपना काम कर रही है." 

10 हजार जुर्माना लगाने की भी कही बात 

बता दें, रायगढ़ कस्बे के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत पर नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद तहसील कार्यालय ने भी ग्रामीणों को नोटिस जारी कर तलब किया था. तहसीलदार ने नोटिस में सभी को चेतावनी भी दी थी कि सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है और परिसर से बेदखल किया जा सकता है.