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घर-ऑफिस में लगवाया Solar Plant, बिजली के मामले में हुए आत्मनिर्भर, हर महीने हो रही है 18,000 रुपए की बचत

हुबली के रहने वाले आर्किटेक्ट संजय देशपांडे आज सभी लोगों को लिए मिसाल हैं. वह सोलर एनर्जी का उपयोग कर न सिर्फ अपनी बिजली की जरुरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि हर महीने 18,000 रुपए भी बचा रहे हैं.

Solar Plant (Representational Image: Wikimedia) Solar Plant (Representational Image: Wikimedia)
हाइलाइट्स
  • हुबली के रहने वाले 47 वर्षीय संजय देशपांडे पेशे से आर्किटेक्ट हैं

  • संजय अपने पूरे घर और ऑफिस की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं

सुरज जीवन का स्रोत है जिससे हमें रोशनी से लेकर जरूरी विटामिन तक, सबकुछ मिलता है. और सुरज की रोशनी का अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो हम ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी परेशानियों को बहुत हद तक हल कर सकते हैं. 

आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे एक शख्स के बारे में जो सौर ऊर्जा का सही इस्तेमाल करके न सिर्फ पर्यावरण की बचत कर रहे हैं बल्कि, अपने पैसे भी बचा रहे हैं. हुबली के रहने वाले 47 वर्षीय संजय देशपांडे पेशे से आर्किटेक्ट हैं और सोलर एनर्जी के फायदों को अच्छे से समझते हैं. 

18,000 रुपए की बचत
संजय अपने पूरे घर और ऑफिस की जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं. साथ ही, उनके पास इलेक्ट्रिक कार है और अपने बगीचे में पानी देने के लिए उन्होंने सोलर पंप लगवाया हुआ है. इस तरह से अपनी बिजली संबंधित जरूरतों के मामले में वह आत्मनिर्भर हैं. 

बात पैसे की करें तो द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को उन्होंने बताया कि वह हर महीने बिजली, पेट्रोल और डाजल आदि पर 18,000 रुपये की बचत करते हैं. इसके अलावा, वह अपने घर में बनने वाली सौर ऊर्जा को बेचकर बिजली आपूर्ति कंपनी से 1,000 रुपये कमाते हैं. 

दोस्त के पिता से मिली प्रेरणा
संजय बताते हैं कि तब वह मुंबई में पढ़ रहे थे तो उनकी मुलाकात एक दोस्त के पापा से हुई. जिन्होंने उन्हें मुक्त और हरित सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने संजय को सलाह दी कि वह अपने कमरे को चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए खिड़की के बाहर सोलर पैनल लगा लें. इससे रात के समय पंखा चलाने के लिए बिजली भी बन जाएगी. 

संजय पहले बिजली बिल के लिए हर महीने लगभग 4,000 रुपये भरते थे. उनके पास दो इलेक्ट्रिक वाहन, घरेलू मशीनरी, छत पर बगीचे में पानी के लिए पंप, फव्वारे और बहुत कुछ है. पिछले साल उन्होंने छत पर सोलर पैनल लगाए थे. उनका सोलर प्लांट लगभग 4.2 kW सौर ऊर्जा उत्पन्न करता है. 

इससे जो भी बिजली बनती है उसे वह इस्तेमाल करते हैं और बची हुई बिजली, हुबली बिजली आपूर्ति कंपनी (Hescom) को दी जाती है. 

खिड़की-बालकनी में भी लगाए सोलर पैनल
उन्होंने खिड़कियों और बालकनियों पर छोटे सौर पैनल लगाए हैं. इनसे इतनी बिजली बन जाती है कि बरामदे और बेड लैंप को जलाया जा सके. उनके घर में कई लाइटें हैं जो सेंसर से चलती हैं. सुबह होते ही बंद हो जाती हैं और शाम को अपने आप जल जाती हैं. 

उन्होंने अपने ऑफिस को भी हरा-भरा कर दिया है. छह महीने पहले, उन्होंने 3kW क्षमता के सौर पैनल लगाए और तब से ऑफिस का बिजली बिल भी जीरो हो गया है. इसी तरह, उनके इलेक्ट्रिक वाहन भी सौर ऊर्जा से चार्ज होते हैं. संजय लोगों से सोलर एनर्जी का फायदा उठाने की गुजारिश करते हैं और चाहते हैं कि सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए बड़ी सब्सिडी दे.