scorecardresearch

साउथ सेंट्रल रेलवे की खास पहल, Miyawaki Technique से विकसित किया Urban Jungle, लगा रहे 20,000 पौधे

दक्षिण मध्य रेलवे ने एक खास पहल करते हुए ट्विन सिटी रीजन में उत्तरी लालगुडा के एक क्षेत्र में Miyawaki Technique से शहरी जंगल का विकास किया जिसमें 20,000 पौधे लगाए जा रहे हैं.

SCR developed Miyawaki Forest SCR developed Miyawaki Forest
हाइलाइट्स
  • साई ट्रीज एनवायरनमेंटल ट्रस्ट नामक एनजीओ के सहयोग से हो रहा है काम

  • 5,400 वर्ग मीटर क्षेत्र में 20,000 पेड़- पौधे फैले होंगे

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, भारतीय रेलवे के दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) क्षेत्र ने उत्तरी लालगुडा में शांति नगर रेलवे कॉलोनी में एक शहरी जंगल विकसित किया है. इस जंगल को मियावाकी तकनीक से लगाया गया है. 

साई ट्रीज एनवायरनमेंटल ट्रस्ट नामक एनजीओ के सहयोग से स्टेप बाय स्टेप तरीके से काम किया जा रहा है. वृक्षारोपण के कुल 4,300 वर्ग मीटर का विकास किया जा चुका है जबकि शेष 1,100 वर्ग मीटर में कार्य प्रगति पर है. 

लगाए जा रहे 20,000 पेड़-पौधे
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 5,400 वर्ग मीटर क्षेत्र में 20,000 पेड़- पौधे फैले होंगे. इससे पहले, एससीआर ने गढ़वाल और निजामाबाद में 8,500 पौधों के साथ 2,300 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक मियावाकी फॉरेस्ट विकसित किया था.

एससीआर के महाप्रबंधक (प्रभारी) अरुण कुमार जैन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्षेत्र का उपयोग करने के लिए हैदराबाद डिवीजन टीम के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने लोगों से अपने आवासीय क्षेत्रों में पौधे लगाने की अपील भी की क्योंकि यह समय की आवश्यकता है ताकि एक हरा-भरा और सुरक्षित वातावरण बनाया जा सके. 

जापानी तकनीक है मियावाकी
मियावाकी तकनीक एक जापानी इनोवेशन है जिसके तहत दो-तान साल के भीतर ही एक सेल्फ-सस्टेनिंग जंगल तैयार किया जा सकते है. इस तकनीक में, वृक्षों की लगभग 50 से 55 प्रजातियों को विभिन्न अनुपातों में उगाया जाता है. 
और सभी देशी पेड़ उगाए जाते हैं, ताकि इनकी जीवित रहने की संभावना 100% रहे.