अयोध्या का राम मंदिर देखने के लिए देश-दुनिया से लोग आ रहे हैं. जब मंदिर में श्री राम लला कि प्राण प्रतिष्ठा हुई तो पूरे देश के लोगों ने दीप जला के राम लला का स्वगत किया था. सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी लोगों में राम लला का स्वागत किया. यही कारण है कि प्राण प्रतिष्ठा में 50 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया. जिसमें दक्षिण कोरिया की किम चिल-सू भी शामिल थे, चिल-सू रानी हेओ राजवंश की सदस्य हैं. रानी हेओ को सुरीरत्ना के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि रानी हेओ अयोध्या की राजकुमारी थीं.
कौन हैं रानी हेओ (अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना)
बता दें कि रानी हेओ उर्फ सुरीरत्ना अयोध्या की राजकुमारी थीं. हिस्टोरिकल रिकॉर्ड्स से सामने आया कि रानी सुरीरत्ना ने 48 ई. में कोरिया की यात्रा करते हुए राजा किम सूरो से शादी की. 42 ई. में राजा सुरो ने करक राजवंश की स्थापना की थी जो कि रानी हेओ उर्फ सुरीरत्ना के पति थे.
सपने में आती थी आवाजें
कहा जाता है कि राजकुमारी सुरीरत्ना के माता-पिता को एक बार एक सपना आया था जिसमें कहा गया था कि उन्हें अपनी बेटी को ग्यूमगवान भेजना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि राजा सूरो को अभी तक कोई रानी नहीं मिली थी. सपने का पालन करते हुए उन्होंने अपनी बेटी को उपहारों के साथ एक नाव पर राजा सूरो से मिलने के लिए भेजा. राजकुमारी राजा से मिली, जिसके बाद उनकी शादी हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला को आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों का अंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया था. अयोध्या के राजा के नाम से जाने जाने वाले राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, जो अभी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं उन्होंने 2018 में भी एक इंटरव्यू में 1990 के अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों को बरकरार रखने की बात कही थी. उन्होंने बताया था कि, 1996 में इंजे यूनिवर्सिटी के एक डेलिगेट रानी हेओ का पता लगाने के लिए आए थे. 1999 में, उन्होंने रानी को दक्षिण कोरिया की राजधानी आने का निमंत्रण दिया और खूब सम्मान भी दिया और भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंधों को मजबूत करने में रुचि जताई थी.
कोरिया के ऐतिहासिक किताब में भी किया गया है जिक्र
2001 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने दक्षिण कोरिया के गिम्हे शहर के साथ पार्टनरशिप में अयोध्या में क्वीन हुह मेमोरियल पार्क की स्थापना की. लगभग 2,000 वर्ग मीटर में फैले इस पार्क में एक ध्यान कक्ष, क्वीन और किंग के लिए मंडप, पाथवे, फाउन्टेन और अलग-अलग फोटो और विडियो फेसिलिटी है. बता दे कि क्वीन हू का कनेक्शन उत्तर प्रदेश के लिए सिर्फ सांस्कृतिक तौर पर ही नहीं बल्कि व्यापारिक दृष्टि से भी मायने रखता है. जिसे लेकर भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने पिछले साल कहा था कि अयोध्या दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 2,000 साल पहले एक भारतीय राजकुमारी की कोरियाई राजा से शादी कर अयोध्या से संबंध बनाया था. जिसका जिक्र हमारी एक ऐतिहासिक किताब 'अयुता' में भी किया गया है.
(यह रिपोर्ट यामिनी सिंह बघेल ने लिखी है. यामिनी Gnttv.com के साथ बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)