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Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में जानवरों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान, कहीं बाड़ों में लगाए जा रहे हैं फव्वारे तो कहीं खाने में दी जा रही है आइसक्रीम

Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में जानवरों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. जानवरों के बाड़ों में फव्वारे लगाए गए हैं. इसके अलावा उन्हें खाने में आइसक्रीम दी जा रही है.

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हाइलाइट्स
  • बाड़ों में लगाए गए फव्वारे

  • खाने में दी जाती है आइसक्रीम

गर्मी से दिल्ली वालों का हाल बेहाल है. चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीब अपना रहे हैं. इस बीच दिल्ली चिड़ियाघर में भी जानवरों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. बात चाहे उनकी डाइट की हो, उनके वाटर इनटेक की हो या उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाने की हो चिड़ियाघर प्रशासन ने गर्मी से बचाव की पूरी तैयारी कर ली है.

बाड़ों में लगाए गए फव्वारे

दिल्ली की गर्मी में जानवरों का हाल बेहाल ना हो, इसको ध्यान में रखते हुए जानवरों के बाड़ों में फव्वारे लगाए गए हैं. बता दे, दिल्ली चिड़ियाघर प्रशासन ने पहली बार ऑटोमेटिक फव्वारे लगाए हैं. जिससे घास को गीला रखा जा सके और नमी से जानवरों के बाड़ों में ठंडक बनी रहे. इसके साथ ही शेर, बाघ, हाथी और बाकी जानवरों के बाड़ों में तालाब भी बनाए गए हैं. खासतौर पर हाथी के बाड़े के मिट्टी के तालाब के साथ पानी का तालाब दोनों ही बनाया गया है.

खाने में दी जाती है आइसक्रीम

दिल्ली चिड़ियाघर की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन ने बताया कि जानवरों का गर्मी में विशेष ध्यान रखा जाता है. कोशिश की जाती है कि किसी भी जानवर को डिहाइड्रेशन ना हो इसलिए सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है उनका खानपान. ऐसे में खानपान में कई बदलाव किए गए हैं. जैसे जानवरों को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट दी जा रही है, साथ ही बाघ, शेर और मांस खाने वाले जानवरों को आइस चिकन लॉलीपॉप बनाकर दी जाती है. इसको बनाने के लिए पहले चिकन को बर्फ में जमाया जाता है और फिर जानवरों को दिया जाता है. 

वहीं भालू, हाथी और बाकी जानवरों के लिए तरबूज से आइसक्रीम बनाई जाती है. जानवरों को ग्लूकोज की कमी ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जाता है. वहीं अगर हाथी के डाइट की बात की जाए तो हाथी को सूखे घास की जगह तरबूज और खरबूज खिलाया जा रहा है. यही तरबूज बाघों को भी दिया जाता है. जिसे वह कभी-कभी खा लेते हैं और बाकी वक्त इससे खेलते हैं.

सुबह-सुबह नहलाया जाता है 

चिड़ियाघर डायरेक्टर आगे बताती हैं कि सभी जानवरों को सुबह-सुबह नहलाया जाता है और कोशिश की जाती है कि बिना कुछ खाए-पिए वो धूप में न जाएं. वरना वे डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं. वहीं जानवरों को 2 शिफ्ट में बाहर निकाला जाता है. स्प्रिंकलर और तालाब के अलावा जानवरों के लिए कूलर की व्यवस्था भी की गई है. हाल ही में रॉयल बंगाल टाइगर सिद्धि ने दो शावकों को जन्म दिया था उनके क्रॉल में कूलर लगाए गए इस तरह के कूलर सभी जानवरों के बाड़ों में लगाए गए हैं साथ में शेड की भी व्यवस्था की गई है.