देश को अंग्रेजों से आजाद हुए 75 साल होने जा रहे हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजाद करवाने के लिए आज के ही दिन यानि 8 अगस्त 1942 को ही भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी. आंदोलन के 80 साल पूरे होने पर और स्वच्छ भारत मिशन के एक प्रतीक के रूप में राष्ट्रपिता गांधी जी की प्रतिमा बनाई गई है. सबसे खास बात है कि ये प्रतिमा प्लास्टिक वेस्ट इस्तेमाल करके बनाई गई है. बापू की इस प्रतिमा को नोएडा के सेक्टर 137 गोल चक्कर के पास स्थापित किया गया है.
गांधी जी का सपना साकार करने की कोशिश
बता दें, महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने के लिए इस प्रतिमा को वेस्ट से बनाया गया है. नोएडा अथॉरिटी ने एक निजी कंपनी के सहयोग से इस प्रतिमा का निर्माण किया है. अथॉरिटी का मकसद नोएडा में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना है. आपको बता दें, यह मूर्ति 20 फीट ऊंची, 6 फीट लंबी और 6 फीट चौड़ी है, जिसका वजन 1,150 किलोग्राम है.
पूरी तरह प्लास्टिक बैन करने की है योजना
सरकार द्वारा 1 जुलाई से प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. उसी के बाद से ही लोगों को इस आदेश का पालन करने को कहा जा रहा है. इसके साथ ही प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए इस मूर्ति का निर्माण कबाड़ को रिसाइकल करके किया गया है.
प्लास्टिक कम करने के लिए "प्लास्टिक एक्सचेंज मोबाइल वैन "(Plastic Exchange Mobile Van) अभियान भी शुरू किया गया है. इस अभियान में लगभग 70 लोगों ने 816 किलो प्लास्टिक की बोतलों और 52 किलो पॉलीथिन को कपड़े की थैलियों, लकड़ी के स्टॉक रेट और स्टील की बोतलों से रिसाइकिल किया है.