धोखाधड़ी, आपत्तिजनक व्यवहार और खराब कॉर्पोरेट गवर्नेंस जैसे आरोपों की वजह से भारत पे के को-फाउंडर और एमडी अशनीर ग्रोवर पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बने हुए हैं. दुकानों से सामान खरीदने पर ऑनलाइन पेमेंट करने वाले ज्यादातर लोग भारत पे से वाकिफ होंगे. इसी कंपनी की स्थापना अशनीर ग्रोवर ने करीब साढ़े तीन साल पहले की थी. साढ़े तीन साल में उन्होंने इस कंपनी को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. अब यह कंपनी 45 हजार करोड़ की बन चुकी है.
अशनीर ग्रोवर भारत पे कंपनी शुरू करने से पहले नौकरी करते थे. उन्होंने नौकरी छोड़कर स्टार्ट अप शुरू किया और कंपनी को काफी कम वक्त में ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया. आइये जानते हैं कि अशनीर ग्रोवर ने कम समय में ही फर्श से अर्श तक सफर कैसे तय किया.
विदेश के कॉलेज से मिली छात्रवृत्ति
आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग और फिर इसके बाद आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई करने वाले अशनीर ग्रोवर अच्छे बैकग्राउंड से आते हैं. पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और मां टीचर थीं तो घर की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी थी. अशनीर शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छे थे. आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग के दौरान फ्रांस के एक कॉलेज में पढ़ाई के लिए एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उनका चयन हुआ. इसके लिए फ्रांस सरकार ने उन्हें 6 हजार यूरो की छात्रवृत्ति भी दी थी. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया.
12 साल नौकरी की, फिर स्टार्ट अप शुरू किया
एमबीए करने के बाद अशनीर ने कोटक इन्वेस्टमेंट बैंक में पहली नौकरी की. वहां उन्होंने सात साल तक नौकरी की. इसके बाद साल 2013 में वे बतौर कॉर्पोरेट डेवलपमेंट के डायरेक्टर अमेरिकन एक्सप्रेस से जुड़े. 2015 में उन्होंने अमेरिकन एक्सप्रेस छोड़ दिया. फिर वे गोफर्स से जुड़ गए. नवंबर 2017 में पीसी ज्वेलर्स लिमिटेड में नौकरी ज्वाइन की. नौकरी करने से जब मन भर गया तब अशनीर ग्रोवर ने 20 से भी कम लोगों के साथ एक स्टार्ट अप शुरू किया. स्टार्ट अप का नाम रखा भारत पे(BharatPe). इस कंपनी ने धीरे-धीरे मार्केट में अच्छी पहचान बनाई. आज ज्यादातर दुकानों में आपको पैसे देने के लिए भारत पे का स्कैन कोर्ड उपलब्ध मिलेगा.
महंगी कारों के हैं शौकीन
अशनीर ग्रोवर महंगी कारों के शौकीन हैं. उनके पास मर्सिडीज मेबैक, पोर्श केमैन और ऑडी-4 जासी कारें हैं जिसकी कीमत ढाई करोड़ रुपए तक है. हाल के दिनों में कोटक महिंद्रा के एमडी के साथ हुए विवाद को बाद उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया.