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दिल्ली में अजब गजब चोरी! Traffic Police बन आंखों के सामने से उठा लेते थे गाड़ी... महंगी Car को करते थे टारगेट, पुलिस ने किया गैंग का भंडाफोड़

इस पूरी चोरी का मास्टरमाइंड 29 साल का अजय था. अजय ने कोविड-19 शुरू होने के पहले कर्ज लेकर एक जिम बनाया था. लेकिन कोरोना की वजह से उसे भारी नुकसान हो गया. लोगों के उधार लिए पैसे वह नहीं दे पा रहा है. जिसके बाद से उसने ये चोरी का काम शुरू किया.

Handcuffs (Photo/Unsplash) Handcuffs (Photo/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • पुलिस न रूट को किया स्कैन

  • मास्टरमाइंड था अजय 

साउथ वेस्ट जिला पुलिस ने चोरों के कैसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जिसने तो हद ही पार कर दी. गैंग का एक चोर ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन लेता, एक चोर टो वाली क्रेन का ड्राइवर, फिर ये सरेआम महंगी कार को गलत पार्किंग या किसी भी कानून का हवाला देकर उठा ले जाते. पकड़ में आए आरोपी का नाम विकास है. विकास के अलावा दो स्क्रैप डीलर भी गिरफ्तार हुए हैं जहां पर इन गाड़ियों को काटकर उसके पार्ट्स को बेच दिया जाता था.

वसंत कुंज बी ब्लॉक के रहने वाले एक शख्स ने थाने में शिकायत की थी. इसमें उन्होंने कहा कि 15 मई को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ड्रेस में आए एक शख्स ने उनकी टोयोटा गाड़ी को क्रेन से उठा लिया. जिस तरह से इस गाड़ी की चोरी की गई थी, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई. 

पुलिस ने क्रेन के रूट को स्कैन किया

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डीसीपी साउथ वेस्ट जिला रोहित मीणा ने बताया कि जिस जगह से गाड़ी चोरी की गई थी वहां से क्रेन के रूट को लगातार स्कैन किया गया. इस जांच में पता चला कि चोरी की गाड़ी को कंझावला के स्क्रैप डीलर के पास छोड़ गया है. पुलिस ने पहचान करने के बाद जब क्रेन के ड्राइवर को पकड़ा, तो उसने बताया कि एक युवक ने खुद को ट्रैफिक पुलिस वाला बताकर क्रेन बुक किया था. उसने ये भी बताया कई कार को उसने कंझावला के एक स्क्रैप डीलर के गोदाम पर छोड़ दिया था.

इसके बाद पुलिस टीम ने कंझावला इलाके में रेड की और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. महेंद्र के गोदाम से दिल्ली पुलिस को कार की सिर्फ बॉडी मिली, क्योंकि उसने इसके पार्ट्स को अलग-अलग करके बेच दिए थे.  पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि यह गाड़ी उसके पास चोरी करके कुसुमपुर पहाड़ी के रहने वाले अजय ने बेची थी. इसके बाद पुलिस टीम कुसुमपुर पहाड़ी पहुंची और वहां से 29 साल के अजय को गिरफ्तार कर लिया. अजय के पास से पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की वर्दी भी बरामद कर ली जिसको पहनकर वह सारे आम लोगों की गाड़ी उठा लिया करता था. 

कैसे करता था चोरी?

आरोपी अजय बेहद शातिर था. सबसे पहले तो आरटीओ से एप्लीकेशन के जरिए यह पता लगाता की कौन-कौन से नंबर की गाड़ी कबाड़ है, फिर ये उन उनकी लोकेशन पता करता था. चोरी के बाद ये महेंद्र को गाड़ी बेच देता था. फिर महेंद्र कार के पार्ट्स को रोशन को बेच देता. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.

मास्टरमाइंड अजय 

29 साल का अजय इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड था. दर्शन अजय ने कोविड-19 शुरू होने के पहले ही अपने दोस्तों से कर्ज लेकर एक जिम बनाया था. लेकिन तभी कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और अजय को भारी नुकसान हो गया. जिससे अजय ने उधार लिया था वह लोग अजय पर पैसे वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे. पूछताछ में सामने आया है कि इसी के बाद अजय ने ये चोरी शुरू की. पुलिस ने इनके पास से तीन कारों के पार्ट्स और एक बाइक बरामद की है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.

(हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट)