
पारंपरिक खेती के साथ-साथ किसान तेजी से फलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. फलों की खेती से कम लागत में अधिक इनकम हो रही है. इसी तरह की कोशिश अर्धापुर तहसील के एक किसान नेकी है. किसान फिरोज खान पठान ने तीन एकड़ पथरीली बंजर जमीन पर कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर के पेड़ उगाए हैं और सालाना 15 लाख रुपये तक की कमाई भी कर रहे हैं.
पहले अच्छी नहीं हुई उपज
नांदेड़ जिले के अर्धपुर तहसील के चैनपुर गांव के किसान फिरोज खान पठान ने केवल 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है. फिरोज ने के पास कुल 18 एकड़ जमीन थी और इसलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़कर खेती करने का फैसला लिया. शुरुआत में उन्होंने कई फसलें उगाई लेकिन आय उतनी अच्छी नहीं हुई जितनी की उन्हें उम्मीद थी. इसके बाद फिरोज पठान ने फलों की खेती करने का फैसला किया. उन्होंने कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर और नाशपाती की खेती के बारे में जानकारी लेनी शुरू की.
पहले तीन एकड़ में शुरू की खेती
इसके लिए उन्होंने सबसे पहले साठ रुपये प्रति पौधे की दर से एक हजार पौधे खरीदे. तीन एकड़ में 8 गुणा 14 फीट का पौधा लगाया गया. कुल तीन एकड़ पथरीली जमीन पर कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर के पौधे लगाए. फिरोज खान पठान पिछले तीन सालों से ये खेती कर रहे हैं. इस बेर की खेती से उन्हें हर साल 15 लाख रुपए की आय होती है. दिलचस्प बात यह है कि इसकी लागत प्रति वर्ष 25 हजार रुपये है. फिलहाल कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर के पेड़ों की कटाई चल रही है. बेर की बोरियां बाजार में बेची जाती हैं. इस कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर की कीमत बाजार में 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम है.
बेर की खेती से कमा रहे 15 लाख
कश्मीरी सफरचंद जैसे बेर सामान्य बेर से आकार में थोड़े बड़े होते हैं और खाने में भी स्वादिष्ट होता है. हालांकि इसका रंग सफरचंद जैसा है. दिलचस्प बात यह है कि इससे लाखों की आय होती है. लगातार फसल खराब होने से किसान हतोत्साहित होते हैं, लेकिन फिरोज खान पठान पथरीली बंजर जमीन पर बाग उगाकर 15 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं.
-नांदेड़ से कुंवरचंद मंडले की रिपोर्ट