
Organic Farming: हमारे देश के अधिकांश युवाओं की चाहत डॉक्टर-इंजीनियर बन देश-विदेश में अच्छी सैलरी पर नौकरी करने की होती है लेकिन आज हम आपको उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले दो सगे भाइयों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अच्छी डिग्री होने के बावजूद खेती करने की सोची. आज ये दोनों भाई बंपर कमाई कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं ऋषभ और आयुष गुप्ता की. ऋषभ और आयुष के घरवाले नहीं चाहते थे कि वे दोनों खेती में आएं. इसके बावजूद दोनों भाइयों ने ऑर्गेनिक खेती करने का फैसला किया. आइए जानते हैं ऋषभ और आयुष की सफलता की कहानी.
हर दिन इतने लाख की कमाई
कोरोना महामारी जब दुनिया में चरम पर थी. उस समय ऋषभ दुबई में और आयुष लंदन में थे. ऋषभ ने बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी के दुबई कैंपस से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद वहीं एक बैंक में जॉब कर रहे थे. उधर, उनके छोटे भाई आयुष नोएडा स्थित एक विश्वविद्यालय से व्यापार प्रबंधन में डिग्री लेने के बाद लंदन में इंटर्नशिप कर रहे थे.
कोरोना महमारी के दौरान दोनों भाइयों को अपने देश लौटना पड़ा. इसके बाद दोनों भाइयों ने विदेश में न जाकर अपने घर पर रहकर ही खेती करने का फैसला किया. घरवालों ने बहुत समझाया कि खेती घाटे का सौदा है. इसमें कुछ नहीं रखा है. तुम दोनों कहीं नौकरी ही खोज लो लेकिन दोनों भाइयों ने किसी की एक न सुनी. दोनों भाई खेती करने का दृढ़ निश्चय कर चुके थे. इसके बाद घरवालों ने भी उनका साथ दिया. दोनों भाइयों ने गुप्ता ऑर्गेनिक फार्म्स और A3R मशरूम फार्म्स शुरू किया. ये दोनों भाई आज हर महीने 40 से 45 टन सब्जियां और 40 टन ऑर्गेनिक मशरूम उगा रहे हैं. इससे उन्हें हर दिन 2 लाख रुपए से अधिक की कमाई हो रही है. इस तरह से साल की कमाई करोड़ों में हो रही है.
चलाते हैं ऑर्गेनिक पॉलीहाउस फार्म
ऋषभ और आयुष ने हरियाणा के घरौंडा स्थित सेंटर आफ एक्सीलेंस फार वेजीटेबिल्स इंडो-इजरायल से प्रशिक्षण लिया. इस दौरान दोनों भाइयो ने जाना कि बाजार में जैविक उत्पादों की मांग काफी है. उन्होंने जैविक खेती करनी शुरू की. पॉलीहाउस बनाने के लिए बैंक से 50 लाख रुपए का ऋण लिया. आपको मालूम हो कि पॉलीहाउस फार्मिंग में फसलों को नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है. इसमें फसलों की अच्छी पैदवार होती है. दोनों भाइयों ने सबसे पहले अपनी तीन एकड़ जमीन में ऑर्गेनिक खेती करने का निर्णय किया. उन्होंने शुरू में पॉलीहाउस में खीरे उगाए. इसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती करनी शुरू कर दी. इसमें अच्छा-खासा मुनाफा हुआ.
कई शहरों में बेचते हैं अपने उत्पाद
आज के समय में ऋषभ और आयुष अपने ऑर्गेनिक पॉलीहाउस में 16 तरह की सब्जियां और मशरूम उगा रहे हैं. वे इन्हें उगाने में रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे अपने उत्पाद को गुप्ता ऑर्गेनिक फार्म्स और A3R मशरूम फार्म्स के नाम से सीधे व्यवसाइयों और उपभोक्ताओं को बेचते हैं. वे अपने उत्पाद को सिर्फ आगरा ही नहीं बल्कि दिल्ली व अन्य शहरों में भी बचते हैं. यहां ऑर्गेनिक सब्जियों की सालों भर मांग रहती है. दोनों भाई बताते हैं के उनकी साल में कमाई 7.5 करोड़ रुपए की हो जाती है.
मान गए थे पिता
ऋषभ और आयुष बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता को सितंबर 2021 में एक सफल ट्रायल दिखाया था. इससे उनके पिता मान गए. इसके बाद दोनों भाइयों ने एक एकड़ खेत में बटन मशरूम की खेती शुरू कर दी. कोल्ड चैंबर्स और पैकेजिंग शुरू की. अभी के समय में वे रोज 1600 किलो मशरूम का उत्पादन करते हैं.
इन्हें बेचकर वे हर दिन शुद्ध मुनाफा 70 हजार रुपए से अधिक कमाते हैं. ऋषभ और आयुष बताते हैं कि उनकी पॉलीहाउस में अक्सर आसपास के किसान मशरूम व अन्य सब्जियों के खेती के बारे में जानकारी लेने के लिए आते हैं. दोनों भाई इन किसानों को हर तरह की जानकारी मुफ्त में देते हैं. कई किसान इनसे जैविक खेती का गुर सिख परंपरागत खेती को छोड़ चुके हैं. आज इन किसानों की आय भी बढ़ गई है.