होली का पर्व समग्र देश में धूमधाम से मनाया जाता है. होली का पर्व मनाने के लिए सभी जगह तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. हालांकि, होली के त्योहार पर सबसे दिलचस्प बात है कि लोग अब होलिका दहन और होली खेलने के लिए इको-फ्रेंडली तरीके अपना रहे हैं.
बनाई गईं गोबर की लकड़ियां
एक ऐसी ही पहल, गुजरात के सूरत में भी देखने को मिली. होलिका दहन करने के लिए सूरत की पांजरापोल ने लकड़ी की बजाय गाय के गोबर से तैयार की गई लकड़ी को जलाने का आह्वान किया है. गाय के गोबर से बनी लकड़ियां ख़ुद पांजरापोल भी होलिका दहन के लिए इस्तेमाल की जाएंगी.
पांजरापोल संचालकों का मानना है कि गाय के गोबर से बनी स्टिक से होली जलाने से पर्यावरण का फ़ायदा होगा. साथ ही, गायों को भी इससे फायदा होगा. सूरत में 10 हजार गायों के गोबर से विशेष मशीन से 60 टन यानी 60 हजार किलोग्राम गोबर की लकड़ियां तैयार कर ली हैं.
पर्यावरण के लिए नेक पहल
सूरत की पांजरापोल की इस पहल को गौ प्रेमी भी सराह रहे है. गाय के गोबर से बनी स्टिक से होली जलाने की अपील गौ प्रेमी धर्मेश गामी ने भी की. उन्होंने कहा कि वैदिक होली पर्यावरण में बहुत फायदेमंद है. पांजरापोल में बनने वाले इस स्टिक से लोग एक तरफ तो वैदिक होली मना सकेंगे और दूसरी तरफ वे इस स्टिक को खरीदकर गायों की भी मदद कर सकेंगे. साथ ही, इससे जंगलों की कटाई भी रुकेगी.
(संजय सिंह राठौर की रिपोर्ट)