पारंपरिक मक्का की बजाय स्वीट कॉर्न की खेती कर पलवल का एक किसान बेहद खुश है. खुश हो भी क्यों न... विजेंद्र दलाल महज 20 हजार की लागत से आज प्रति एकड़ 1 लाख 75 हजार रुपए की कमाई कर रहे हैं. पलवल के गांव किठवाड़ी के किसान बिजेंद्र दलाल सरकार की योजना के तहत प्रगतिशील किसान की श्रेणी में आते हैं. उन्हें हरियाणा सरकार और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. काफी समय पहले उनके दिमाग में पारंपरिक खेती के तरीके को छोड़कर वैज्ञानिक खेती करने का विचार आया. 2013 में हरियाणा सरकार ने उन्हें संरक्षित खेती करने की ट्रेनिंग लेने के लिए इजरायल भेजा. इसके बाद उन्होंने स्वीट कॉर्न की खेती शुरू कर दी.
साल भर में कमाते हैं साढ़े चार लाख रुपये मुनाफा
विजेंद्र साल में स्वीट कॉर्न की तीन फसलें उगाते हैं और प्रति एकड़ साल भर में करीब साढ़े चार लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. 2 साल पहले उन्होंने एक एकड़ स्वीट कॉर्न लगाई थी. इस साल उन्होंने दो एकड़ में फसल उगाई. अब अगले साल वो 5 एकड़ में स्वीट कार्न की फसल लगाएंगे. उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ खेत में करीब 3 किलो बीज लगता है जिसकी कीमत ₹2400 प्रति किलो है. यह बीज कोरियन कंपनी Nongwoo से आती है.
साल में तीन बार उगाते हैं फसल
इसके अलावा खेत तैयार करने में डीएपी, पोटाश, जिंक, सल्फर, जिप्सम डालने के बाद दीमक से बचाव के लिए दवाइयां डालनी होती हैं. बिजेंद्र के मुताबिक वह पहली फसल 15 जनवरी से 15 अप्रैल के बीच लगाते हैं. दूसरी फसल अप्रैल के आखिर से जुलाई के आखिर के बीच लगाते हैं और तीसरी फसल अगस्त से अक्तूबर के बीच लगाते हैं. उनका कहना है कि एक भुट्टे का वजन करीब आधा किलो होता है और यह बाजार में 25 रुपए प्रति किलो बेहद आराम से थोक में बिकती है.
स्वीट कॉर्न की खेती से बेहद खुश हैं विजेंद्र
स्वीट कॉर्न के चारों ओर उन्होंने मैरीगोल्ड गेंदा उगाया है, जिससे सफेद मक्खी स्वीट कॉर्न की फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाती हैं. गेंदा भी करीब 12000 रुपए का बिक जाता है. इसके अलावा स्वीट कॉर्न का चारा भी बेहद मीठा होता है जिसे पशु बड़े चाव से खाते हैं, जिससे उनका दूध बढ़ जाता है. अगर किसी किसान के पास पशु नहीं हैं तो वह यह चारा भी 20 हजार रुपए प्रति एकड़ बेच सकता है. विजेंद्र स्वीट कॉर्न की खेती से बेहद खुश हैं और बाकी किसान साथियों को भी इसके लाभ बताते हैं.
-सचिन गौड़ की रिपोर्ट