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1 रुपये के सिक्कों से लड़के ने खरीदी 2.6 लाख की बाइक, गिनने में लगे इतने घंटे

चाय की दुकान चलाने वाले वी. बूपथी ने इन सिक्कों को करीब 3 साल में जमा किया है. बूपथी ने जब पेमेंट करने के लिए सिक्के की ट्राली निकाली तो शोरूम वाले हैरान हो गए. लेकिन बूपथी के सपने को देखते हुए शोरूम वाले बपूथी को मना नहीं कर पाए . वहीं शो रूम में इन सिक्कों को गिनने में 10 घंटे का वक्त लगा.

Boopathi with his new bike and savings Boopathi with his new bike and savings
हाइलाइट्स
  • वी. बूपथी ने इन सिक्कों को करीब 3 साल में जमा किया है.

  • वहीं शो रूम में इन सिक्कों को गिनने में 10 घंटे का वक्त लगा.

एक पुरानी कहावत है बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, तमिलनाडु के एक लड़के ने इस कहावत को सच कर दिखाया है. दरअसल इस लड़के ने 1-1 का सिक्का जोड़कर बाइक खरीदी है. यकीन करना मुश्किल है लेकिन इस लड़के ने 1-1 का सिक्का जमा करते हुए करीब 2.6 लाख रुपये जुटाए और इन सिक्कों से ही अपनी पसंदीदा बाइक खरीदी है.

शोरूम वाले हुए हैरान

रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्कों से बाइक खरीदने वाले  29 साल के वी. बूपथी  तमिलनाडु के सलेम में रहते हैं. शनिवार को यह एक बाइक शोरूम पर बाइक लेने पहुंचे. वी. बूपथी ने Bajaj Dominar 400 मॉडल की बाइकली. जब वी. बूपथी पेमेंट के लिए ठेले पर लेकर आया एक बड़ा बैग निकाला तो शोरूम वाले भी हैरान हो गए. दरअसल पेमेंट करने के लिए बूपथी 1-1 के सिक्के लाए थे और यह सिक्के कुल मिलाकर 2 लाख 60 हजार रुपये थे. इन सिक्कों को वह पैक करके छोटे ठेले में रखकर वैन पर लेकर आए थे.

3 साल से जमा कर रहें है ये सिक्के 

रिपोर्ट के मुताबिक, वी. बूपथी ने इन सिक्कों को करीब 3 साल में जमा किया है. वी. बूपथी  चाय की दुकान चलातें हैं. बूपथी ने बताया कि चाय स्टॉल से जो भी पैसे आए उन्हें तो जमा किया ही साथ ही  मंदिर के पास भी अगर कोई सिक्का गिरा हुआ दिख जाता था तो वो उसे जमा कर लेते थे. वहीं शो रूम में इन सिक्कों को गिनने में  10 घंटे का वक्त लगा. 

'लड़के के सपने को देखते हुए सिक्के लेने को हुए तैयार'

शोरूम मैनेजर महाविक्रांत ने बताया कि पहले तो वह ये सिक्के लेने से मना करने वाले थे, लेकिन वह बूपथि को निराश नहीं करना चाहते थे, इसलिए वह सिक्कों में डील के लिए तैयार हुए. बैंक उनसे 1 लाख रुपये जमा करने पर 140 रुपये चार्ज करेगा. लेकिन उन्होंने फिर भी हामी भरी क्योंकि बूपथि का सपना था कि वह यह बाइक खरीदे और इसके लिए उसने ये पैसे जुटाए थे. वहीं महाविक्रांत ने बताया कि सिक्कों को गिनने में 9 लोगों ने 10 घंटे मेहनत की है.