जब भी माता-पिता के प्रति भक्ति या आदर की बात आती है तो हमेशा से श्रवण कुमार का उदाहरण दिया जाता है. श्रवण कुमार बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. माता- पिता के लिए उनके मन में बहुत ही प्रेम था इसलिए जब भी मां-बाप की सेवा सा उदाहरण देना हो तो इसमें उनका जिक्र जरूर होता है. एक ऐसे समय में जब लोग पेरेंट्स को ओल्ड ऐज होम में छोड़ना चाहते हैं, कोई उन्हें साथ रखना नहीं चाहता. ऐसे में आजकल के जमाने में ऐसी श्रद्धा और प्रेम बहुत कम ही देखने को मिलता है लेकिन ऐसे व्यक्ति आज भी मौजूद हैं.
रोज करते हैं पूजा
इस तेजी से भागती दुनिया में जहां लोग सिर्फ और सिर्फ अपने लक्ष्य को पाने की भागदौड़ में रहते हैं ऐसे में अपने माता-पिता के लिए समय निकालना बहुत बड़ी बात है. कई लोग पढ़ाई या फिर नौकरी के लिए विदेश भी चले जाते हैं. उसी दुनिया में रहते हैं दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के एक सेवानिवृत्त एसआई रमेश बाबू जैसे लोग. रमेश बाबू ने अपने माता-पिता की स्मृति में एक मंदिर बनवाया है जिसमें वो रोज पूजा करते हैं.
पहले व्यस्त रहते थे
भले ही रमेश बाबू भी जीवन की मांग के अनुसार काम में व्यस्त थे, लेकिन जैसे ही उन्हें मौका और खाली समय मिला, उन्होंने सबसे पहला काम मंदिर बनाने का किया. रमेश बाबू ने कहा, “मैं उनके लिए एक मंदिर बनाना चाहता था लेकिन काम ने मुझे व्यस्त रखा. इसलिए मैंने इसे सेवानिवृत्ति होने के बाद बनाया. मैं हर दिन उनकी पूजा करता हूं. इस मंदिर को बनाने के बाद मेरे माता-पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन इस रूप में वो अब भी मेरे साथ हैं.”