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बस एक सपना कि बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो...मध्य प्रदेश में टीचर ने गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान कर दिए रिटायरमेंट के 40 लाख रुपए

पन्ना में पदस्थ सहायक शिक्षक के विजय कुमार चंदसोरिया अब अपनी नौकरी से रिटायर हो गए है. रिटायरमेंट होते ही उन्होंने विद्यालय के बच्चों को बेहतर शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के लिए अपने जीपीएफ फंड से मिलने वाली सारी राशि को दान करने की घोषणा की है. इसमें पूरी राशि करीब 40 लाख रुपए है जिसे उन्होंने दान करने की घोषणा कर दी है.

शिक्षक के विजय कुमार चंदसोरिया को माला पहनाकर और गिफ्ट देकर स्कूल से विदाई दी गई शिक्षक के विजय कुमार चंदसोरिया को माला पहनाकर और गिफ्ट देकर स्कूल से विदाई दी गई
हाइलाइट्स
  • 39 साल तक स्कूल में दी सेवा

  • गरीब बच्चों की मदद के लिए रहे तत्पर

  • बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का है सपना

आज के समय जहां लोग संपत्ति जोड़ने के लिए किसी भी हद तक जा रहे है वहीं आज भी ऐसे कई लोग हैं जो दूसरों के लिए न सिर्फ जीने में विश्वास रखते हैं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए पूरी कोशिश करते हैं और अपना सबकुछ देने के लिए तैयार हो जाते हैं. ऐसी ही मानवता की मिसाल मध्य प्रदेश के पन्ना में देखने को मिली. यहां एक शिक्षक ने रिटायर होने के बाद मिलने वाली करीब 40 लाख रुपए की राशि गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए दान कर दी.

बच्चों के लिए दान कर दिए 40 लाख
पन्ना जिले के संकुल केंद्र रक्सेहा की प्राथमिक शाला खदिंया के सहायक शिक्षक के विजय कुमार चंदसोरिया अब अपनी नौकरी से रिटायर हो गए है. रिटायरमेंट होते ही उन्होंने विद्यालय के बच्चों को बेहतर शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के लिए अपने जीपीएफ फंड से मिलने वाली सारी राशि को दान करने की घोषणा की है. उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी इस फंड से पैसे नहीं निकाले. इसमें पूरी राशि करीब चालीस लाख रुपए है जिसे उन्होंने दान करने की घोषणा कर दी है.

फैसले से पूरे परिवार को गर्व
खास बात यह है कि उनके इस फैसले में उनका पूरा परिवार शामिल है. सभी को उनके फैसले पर गर्व भी है. शिक्षक विजय कुमार चंदसोरिया जो कि एक गरीब परिवार में जन्मे और दूध बेचकर, रिक्शा चलाकर अपना गुजारा कर पढ़ाई-लिखाई पूरी की और 1983 में रक्सेहा में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए थे. वह करीब 39 साल तक बच्चों के बीच रहे और उन्हें हमेशा ही अपनी सैलरी से उपहार और कपड़े देते रहे. उपहार पाकर बच्चों के चेहरे की खुशी देखकर उन्हें यह प्रेरणा मिली.  

चंसोरिया ने कहा कि मेरे मन मे गरीब बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा का शुरू से भाव रहा है. पूरी राशि सहयोग के रूप में कारगर बनेगी और बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा. इस संबंध में मैंने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों से सलाह लेकर राशि दान कर दी. बेटा ईश्वर की कृपा से नौकरी में है और बेटी की शादी हो चुकी है. सबकी सलाह से यह फैसला लिया है.

रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट