scorecardresearch

तेलंगाना के नलगोंडा शहर के बच्चे खुद लिखेंगे अपने गांव का इतिहास...छपेंगी पुस्तकें

बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए तेलंगाना राज्य ने नई पहल की शुरुआत की है. इसका मकसद बच्चों को अपने आपने आत्मनिर्भर बनाना और गांव की सभ्यता और संस्कृति से रूबरू करवाना है.

Student Student
हाइलाइट्स
  • साहित्य अकादेमी प्रकाशित करेगी पुस्तक

  • 860 गांवों का लिखा जाएगा इतिहास

बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए तेलंगाना राज्य ने नई पहल की शुरुआत की है. इसका मकसद बच्चों को अपने आपने आत्मनिर्भर बनाना और गांव की सभ्यता और संस्कृति से रूबरू करवाना है. अब तेलंगाना के नलगोंडा  शहर के छात्र राज्य में अपने गांवों का इतिहास खुद लिखने की तैयारी कर रहे हैं. नलगोंडा के नागार्जुन गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में "मन चरित्रनु मनम रसुकुंडम" (आइए हम अपना इतिहास लिखें) शीर्षक से इस पहल की शुरुआत की गई. 

860 गांवों का लिखा जाएगा इतिहास
तेलंगाना साहित्य अकादमी के अध्यक्ष जूलूरी गौरी शंकर ने तेलंगाना के गठन के बाद पहली बार नई पहल शुरू की. गौरी शंकर ने कहा कि नागार्जुन डिग्री कॉलेज के छात्र नलगोंडा जिले में मौजूद 860 गांवों का इतिहास लिखेंगे.

साहित्य अकादेमी प्रकाशित करेगी पुस्तक
छात्र इसमें जातियों, धर्मों, त्योहारों, गीतों और गांवों की अन्य दिलचस्प विशेषताओं के बारे में लिखेंगे. इसके साथ ही  शहीदों और अन्य का विवरण भी लिखा जाएगा. गौरी शंकर ने कहा कि साहित्य अकादेमी विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई पुस्तकों को प्रकाशित करेगी. इस दौरान जिला अपर कलेक्टर वनमाला चंद्रशेखर राव ने छात्रों को इतिहास लिखने के टिप्स भी दिए.