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Success Story of Souled Store: 4 कॉलेज दोस्तों ने मात्र 1.75 लाख रुपये में शुरू की कंपनी...आज कर रहे हैं 450 करोड़ का बिजनेस

Clothing ब्रांड Souled Store यंगस्टर्स के बीच काफी कॉमन है. इस वेबसाइट को खास तौर पर 16 से 30 साल के लोग काफी ज्यादा पसंद करते हैं और यही उनकी टारगेट ऑडियंस भी है. जानिए कैसे तीन दोस्तों ने मिलकर भारत में एक फ्रेंचाइजी की शुरुआत की और आज 450 करोड़ का बिजनेस कर रहे हैं.

Souled Store Souled Store

हर किसी का सपना होता है कि वो कुछ ऐसा काम करे जिससे उसे बड़ी पहचान मिले. आज मार्केट में कई तरह के बिज़नेस आइडिया मौजूद हैं. लेकिन अगर आपका आइडिा यूनिक है और पैसा है तो बिजनेस करना थोड़ा आसान हो जाता है. अगर आप अपने शौक को अपना बिजनेस बनाते हैं तो इसके सफल होने के चांसेज और भी बढ़ जाते हैं. ऐसे ही एक यूनीक आइडिया से 4 कॉलेज दोस्तों ने शुरुआत की और आज करोड़ों कमा रहे हैं.

यंगस्टर्स हमेशा से ही कुछ अलग और अतरंगी चीजें करना या पढ़ना पसंद करते हैं. फिर चाहें वो कपड़े चुनना हो, कुछ खाना हो या फिर पहनने-ओढ़ने के लिए कोई दूसरी चीज सेलेक्ट करना. उन्हें सबकुछ डिफरेंट चाहिए होता है. इंडिया में सुपरहीरोज का क्रेज तो था लेकिन उनके प्रिंट किए हुए टीशर्ट्स, कैप या कोई अन्य सामान शायद ही कभी देखने को मिला हो. इंडिया में एक तो इसकी मर्चेंडाइज थी नहीं और अगर थी भी तो बहुत महंगी. यहीं से आया The Souled Store का आइडिया.

कैसे हुई शुरुआत?
इसकी शुरूआत साल 2013 में चार दोस्तों ने मिलकर की थी. वेदांग पटेल, रोहिन समतानी, हर्ष लाल और आदित्य शर्मा ने की थी. वेंदांग खुद इसी तरह की फ्रेंचाइजी के फैन थे. उस दौरान इन सभी की उम्र 27 से 28 साल के बीच थी. वेदांग एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जिन्होंने अपना करियर एक बुटीक वित्तीय सेवा फर्म ट्रेसविस्टा से शुरू किया, जहां उनकी मुलाकात आदित्य और रोहिन से हुई. इन्होंने भारत में लोकप्रिय मनोरंजन चैनलों के लिए आधिकारिक माल बेचने के अवसर की पहचान की और इस तरह thesouledstore.com का विचार आया. 

इसकी शुरुआत टी-शर्ट्स के साथ हुई थी लेकिन बाद में ये हुडी, फोन केस, लैपटॉप और अन्य चीजें भी बेचने लगे. इसका अलावा इन लोगों ने "द सोल्ड आउट" ब्लॉग लॉन्च किया गया जिसमें प्रेरणादायक व्यक्तियों की कहानियां शामिल हैं, जो उनकी टारगेट ऑडियंस के साथ जुड़ी होती है. इंगेजिंग कंटेंट, कॉन्टेस्ट और बेहतरीन पार्टनरशिप के साथ इन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी अच्छी पकड़ बनाई हुई है. सोलड स्टोर आज बड़े बजट की फिल्मों (मार्वल, बैटमैन, सुपरमैन, द जस्टिस लीग, हैरी पॉटर, लॉर्ड ऑफ द रिंग्स, स्टार वार्स, रईस, आदि), कार्टून (कार्टून नेटवर्क, स्कूबी डू) के लिए भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन ब्रांड होने का दावा करता है.  

क्या है टारगेट ऑडियंस?
मात्र 1.75 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ, द सोल्ड स्टोर ने एक ऐसे बाजार में प्रवेश किया, जहां उनके पास कॉम्पटीशन बहुत कम था. उनको अपनी पहली ही सेल में बहुत प्रॉफिट हुआ. आज Souled Store के पास 5,00,000 ग्राहक हैं और उन्हें प्रतिदिन 1,000 से अधिक ऑर्डर मिलते हैं. सोल्ड स्टोर की टारगेट ऑडियंस 16-30 वर्ष के आयु वर्ग के लोग हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा मध्यम वर्ग का है जोकि भारत में सबसे बड़ा वर्ग है.

यूट्यूब चैनलों से किया टाई
इसके अलावा सोल्ड स्टोर की मार्केटिंग स्ट्रेटजी बहुत ही स्ट्रांग थी. इन्होंने खासतौर पर 18 से 24 वर्ष की आयु के हैरी पॉटर और वंडर वुमन फैंस ऑडियंस को टारगेट किया. इसके अलावा उन्होंने ऑल इंडिया बकचोद सहित 20-30 यूट्यूब चैनलों के साथ भी पार्टनरशिप की, जो ट्वीट और वीडियो के माध्यम से उन्हें प्रमोट करते हैं. कोलकाता नाइट राइडर्स और किंग्स 11 पंजाब, डब्ल्यूडब्ल्यूई और अन्य जैसी आईपीएल टीमों के साथ साझेदारी से टीवी विज्ञापन भी जुटाए.

क्या आईं चुनौतियां
एक समय ऐसा था जब सोल्ड स्टोर अपनी मार्केटिंग के लिए बड़े सेलेब्स और स्पोर्ट्स स्टार आदि का सहारा ले रहा था. लेकिन सोल्ड स्टोर को वित्त वर्ष 2012 में 26.72 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जो कि 51.27 लाख रुपये के शुद्ध लाभ से 52 गुना कम है. इसके बाद उन्होंने महसूस किया कि ग्रोथ और प्रॉफिटिब्लिटी साथ साथ चलती है. बाद में उन्होंने अपनी एग्रेसिव मार्केटिंग को रोक दिया और डिस्काउंट देने पर फोकस किया.

सोल्ड स्टोर ने साल 2017 में दिल्ली में अपना पहला स्टोर खोला. आज सोल्ड स्टोर के पूरे भारत भर में 100 से भी ज्यादा स्टोर हैं. इसके अलावा आपको सोल्ड स्टोर के कपड़े Amazon और  Myntra पर भी मिल जाएंगे.

कितना हुआ प्रॉफिट
द सोल्ड स्टोर, जो अपने फैन मर्चेंडाइज के लिए जाना जाता है के आज 5.5 मिलियन Gen Z और मिलेनियल ग्राहक हैं. हालांकि, इसका आधा राजस्व नॉन-फैन मर्चेंडाइज से आता है. इसका वार्षिक राजस्व 450 करोड़ रुपये जीएमवी (Gross merchandise value) से अधिक है और अब तक इसने 85 करोड़ रुपये जुटाए हैं. वर्तमान में इसका 70 प्रतिशत राजस्व उनकी वेबसाइट और ऐप के माध्यम से आता है, जबकि 15 प्रतिशत ऑफ़लाइन और ऑनलाइन मार्केटप्लेस से आता है. लगभग 60 प्रतिशत राजस्व शीर्ष 10 शहरों के बाहर से आता है.