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इन दो लड़कियों ने बनाई स्मार्ट डिजिटल राखी... मुश्किल में होने पर करेगी पहनने वाले की सुरक्षा, बस एक बटन से चली जाएगी लोकेशन

गोरखपुर ITM GIDA के कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने वाली पूजा यादव और विजया रानी ओझा ने ऐसी स्मार्ट राखी बनाई है, जो इमरजेंसी या दुर्घटना में भाई की मदद के लिए एम्बुलेंस, पुलिस और परिवार को सूचित करेगी.  

Rakhi Rakhi
हाइलाइट्स
  • बटन दबाने पर चली जाएगी लोकेशन 

  • एक राखी बनने में लगे 4 से 5 दिन 

पूजा और विजया रानी ने मिलकर एक राखी बनाई है जो मुसीबत में फंसी बहन और भाई दोनों की रक्षा करने में मदद करेगी. भाई की कलाई पर स्मार्ट राखी बांधकर आप अपने मोबाइल के ब्लूटूथ से जोड़कर अपने परिवार के 3 नंबर, एंबुलेंस या पुलिस को स्मार्ट राखी सॉफ्टवेयर में सेट कर सकते हैं. इसके साथ ही आप इस सॉफ्टवेयर में अपने ब्लड ग्रुप, मेडिकल संबंधी जानकारी भी सेव कर सकते हैं.

दरअसल, पूजा यादव संत कबीर नगर निवासी किसान धनुषधारी की पुत्री हैं और विजया रानी बिहार निवासी नीरज कुमार ओझा की पुत्री हैं. ये दोनों एक दूसरे की अच्छी दोस्त हैं. रक्षा बंधन को देखकर उन्होंने इसबार कुछ अलग करने की सोची और इसीलिए इस राखी को बनाया है. 

बटन दबाने पर चली जाएगी लोकेशन 

आपको बता दें, स्मार्ट राखी में एक बटन है जो मुसीबत की घड़ी में दबाए जाने पर परिवार, पुलिस और एंबुलेंस या डॉक्टर को मैसेज के साथ लोकेशन भेजेगा. यह उस व्यक्ति की मदद करेगा जो उस समय पर मुसीबत में है. दुर्घटना के समय भी यह राखी बिना मोबाइल हाथ में लिए एम्बुलेंस, परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों को लोकेशन के साथ कॉल कर सकती है.

राष्ट्रपति और योगी की फोटो

वहीं छात्राओं ने शानदार लुक और बेहतर प्रमोशन देने के लिए इस स्मार्ट राखी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की फोटो भी लगाई है. छात्राओं का मानना है कि इससे उनकी राखी के प्रचार में और मदद मिलेगी.

दोनों छात्रों ने बताया कि इस इनोवेशन को स्मार्ट डिजिटल राखी कहा जाता है. इसे स्वीकृति के लिए कॉलेज भेजा गया है. एक बार स्वीकृत होने के बाद, इसे हमेशा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यही वजह है कि इसका नाम स्मार्ट डिजिटल राखी रखा गया है.

एक राखी बनने में लगे 4 से 5 दिन 

आईटीएम गिडा के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने कहा कि दोनों छात्रों का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है. इन छात्राओं के आइडिया इनोवेशन से देश को और विकसित बनाने में मदद मिलेगी.  जल्द ही ऐसे छात्रों के इनोवेशन को बाजार में लाने की कोशिश की जायेगी.

पूजा और विजया ने आगे बताया कि इस राखी को बनाने में करीब 4-5 दिन लगे. एक राखी पर करीब एक हजार रुपये खर्च किए गए हैं. राखी के लिए डिवाइस ब्लूटूथ 3.0 रिसीवर मॉड्यूल, 3.71-4 वोल्टेज बैटरी, (माइक्रो यूएसबी और स्विच) का उपयोग किया जाता है.

(विनीत पांडेय की रिपोर्ट)