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Positive Story: साफ पानी से लेकर मेडिकल हेल्प तक, गरीब छात्रों की जरूरतें पूरी कर रहा है यह इंजीनियर

अविनाश ने बच्चों को किताबें जैसी जरूरी चीजें उपलब्ध कराने, मेडिकल कैंप आयोजित करने और स्कूलों में पानी की आपूर्ति और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए अकेले ही कई अभियान चलाए हैं.

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हाइलाइट्स
  • छात्रों को मिली मेडिकल हेल्प 

  • बच्चों को बांट रहें है जरूरी चीजें 

बृहन मुंबई कॉरपोरेशन (BMC) के सहायक इंजीनियर अविनाश फाटक गरीब परिवारों के सरकारी स्कूल के छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं. उन्होंने बच्चों को किताबें जैसी आवश्यक चीजें उपलब्ध कराने, चिकित्सा शिविर आयोजित करने और स्कूलों में पानी की आपूर्ति और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए अकेले ही अभियान चलाया है. मुंबई में सीवेज विभाग में काम करने वाले फाटक ने कहा कि उन्हें सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली. 

फाटक ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पहले वह वीकेंड के दौरान मुंबई और कोंकण क्षेत्र में रायगढ़ जिले के दिवाली, पाली, हल्दाई जैसी जगहों के बीच यात्रा करते थे और वहां के सरकारी स्कूलों का दौरा करते थे. यहां, वह घूम-घूम कर ब्योरा इकट्ठा करते थे कि स्कूलों को किन जरूरी चीजों की जरूरत है. 

छात्रों को मिली मेडिकल हेल्प 
अपनी अभियान के दौरान उन्होंने देखा कि कई छात्र कुछ बीमारियों से पीड़ित हैं और शारीरिक रूप से कमजोर हैं. इसलिए उन्होंने सबसे पहले इन स्कूलों में मेडिकल कैंप लगाने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने परिचित डॉक्टरों से इस काम में मदद करने के लिए कहा. 

फाटक ने कहा, इन चिकित्सा शिविरों के माध्यम से, उन्होंने छात्रों का स्वास्थ्य डेटा एकत्र किया और चिकित्सा सहायता प्रदान करने में सक्षम हुए. उन्होंने छात्रों के माता-पिता से भी सलाह ली और उन्हें इस बात से अवगत कराया कि उनके बच्चे किस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं. अगर छात्र शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, तो वे स्कूल और खेल गतिविधियों में अधिक समय दे सकते हैं.

बच्चों को बांट रहें है जरूरी चीजें 
फाटक का कहना है कि उन्हें यह भी पता चला कि अधिकांश बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं और वे अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं. लेकिन उनके पास किताबें और अन्य सामान खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं. ये स्कूली बच्चे गरीब घरों से हैं और अक्सर तंगहाली में जीवन जीते हैं. 

उनके कुछ माता-पिता मजदूर और छोटे किसान हैं. वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकते है. वे ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा से वंचित होते नहीं देखना चाहते. शिक्षा ही एकमात्र ऐसी चीज़ है जो उनकी वित्तीय और सामाजिक स्थिति को बदल सकती है. उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया और इन बच्चों के स्कूल के खर्चों की जिम्मेदारी ली. 

छात्रों के मिला पीने का साफ पानी 
उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में छात्रों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है. भोजन के साथ-साथ पीने के लिए साफ पानी भी महत्वपूर्ण है और यह स्कूल के समय में उपलब्ध होना चाहिए. उन्होंने स्कूलों को न केवल पानी की टंकियां बल्कि पानी के फिल्टर भी दान किये हैं. स्वच्छ पानी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का समाधान कर सकता है.

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