
क्राइम आजकल की दुनिया का इतना गहन हिस्सा बन चुका है कि आप अखबार पढ़े, टीवी देखें या ऑनलाइन न्यूज देखें, हर तरफ सबसे ज्यादा क्राइम की खबरें पढ़ने-सुनने को मिलेंगी. आपके अपने शहर में ही चोरी, डकैती, मारपीट से लेकर हत्या तक की खबरें आपको आए दिन सुनने को मिल जात होंगी. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे गांव के बारे में जहां कभी किसी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.
हम बात कर रहे हैं झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गांव लखाईडीह की. यह गांव जिला मुख्यालय से सिर्फ 70 किमी दूर बसा है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस गांव में कभी भी किसी शख्स पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. चार पहाड़ों की गोद में बसा यह गांव देशभर के लिए मिसाल है. बताया जा रहा है कि इस गांव में कोई अब नशा नहीं करता है और पूरी पहाड़ी पर महुए का एक भी पेड़ नहीं है.
गांव में कभी नहीं आई पुलिस
लखाईडीह गांव में कभी भी पुलिस नहीं आई है. लोगों का कहना है कि गांव नशा मुक्त है इसलिए यहां मारपीट. चोरी, डकैती या लूटपाट जैसी कई वारदात कभी नहीं हुई है. हालांकि, उनके गांव से तीन किमी दूर एक हत्या का मामला हुआ था लेकिन इसके अलावा लखाईडीह गांव बहुत शांत है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब इस इलाके में नक्सलवाद बहुत बढ़ा हुआ था तब भी गांव में शांति थी. लोगों का कहना है कि यहां कोई अपने घर पर ताला भी नहीं लगाता है. लोग आपसी विश्वास और भाईचारा बनाकर रहते हैं.
अपने कामकाज पर फोकस करते हैं लोग
दूरदर्शन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लखाईडीह में आकांक्षी जिला योजना से मदद और प्रोत्साहन से जनजाति समुदाय खेती-बाड़ी और पशुपालन के जरिए अपना मुकाम बना रहे हैं. यहां पर लोग सब्जियों के साथ-साथ धान की खेती भी करते हैं. झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी भी स्थानीय लोगों को भरपूर सहयोग दे रही है. गांव में 69 परिवार हैं और ज्यादातर परिवारों में लोग पढ़-लिख रहे हैं. गांव में आवासीय प्राइमरी स्कूल भी है जहां 142 बच्चे रह रहे हैं.