बिहार के मुज़फ्फरपुर में एक युवक विदेशी पक्षियों के पालन और ब्रीडिंग करके लाखों में आमदनी कर रहा है. बॉटनी विषय से ग्रेजुएट सुजीत बतौर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव काम करते हैं. सुजीत को बचपन से चिड़िया और जानवर पालने का शौक है. लेकिन अब यह उनक पैशन बन गया है.और अब वह विदेशी नस्ल के पक्षियों को पालकर, उनकी ब्रीडिंग करते हैं और इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं.
करते हैं पक्षियों की ब्रीडिंग
इनके पास ऑस्ट्रेलियन नस्ल के गलाहा और काकातुआ है. इन पक्षियों का जोड़ा उन्होंने एक लाख रुपए में पटना से मंगाया था. फिर दो साल के बाद इसकी ब्रीडिंग की और उससे छह बच्चे हुए जिनकी कीमत आज तीन-तीन लाख रुपए है. साउथ अफ्रीका का चिड़िया अफेरिकन ग्रे पैरट का जोड़ा 80 हजार में उन्होंने खरीदा था. आज उके पास 8 ग्रे पैरट हैं. इनमें एक की ही कीमत 4 लाख रुपए है.
अमरीकन मकाऊ का एक जोड़ा लाकर दो साल बाद ब्रीडिंग शुरू की थी और आज उनके पास तीन जोड़े हैं. जिनकी कीमत 6 लाख है रुपए हैं. इनके पास ब्लू गोल्ड मकाऊ और ग्रीन विंग मकाऊ नामक पक्षी भी हैं. इतना ही नहीं, ये एग इनक्वुबेटर के माध्यम से चिड़िया के अंडे से बच्चा तैयार करते है और उसे ऊंची कीमत पर बेचते हैं.
घर को बनाया चिड़ियाघर
सुजीत हमेशा से पशु-पक्षियों को पालने के शौकीन हैं. पक्षियों में भी प्यार का प्रतीक, तोता पालने का इन्हें खास शौक है. तोतों के प्रति इनकी दीवानगी ऐसी है कि उन्होंने घर को ही चिड़ियाघर बना डाला है. उनके पास एक नहीं बल्कि दर्जनों विदेशी तोते हैं. तोता भी सिर्फ हरा नहीं बल्कि उजला, काला, लाल, नीला, पीला, गुलाबी आदि कई रंगों में हैं. तोतों के रहने के लिए उन्होंने विशेष पिंजरा घर भी बनाया हुआ है. इन्हें आहार में सनफ्लावर सीड, पालक साग, फूला हुआ चना, फल और अन्य सामग्री खिलाई जाती है. कई तोते उनके पास दस सालों से हैं.
उन्होंने इन तोतों को कोलकाता, बंगलुरू, जयपुर और पटना से मंगवाया है. मकाऊ, लव बर्ड, काकातुआ, कॉकटेल, सनकनूर तोता, डायमंड डब, गोल्डन डायमंड और डब बर्ड सहित कई किस्म के तोते हैं. इन तोते की कीमत पांच हजार से डेढ़ लाख रुपये तक है. उनके पास दो तरह के मकाऊ तोतें भी है, जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपये है. कोई भी व्यक्ति अगर तोते की देखभाल अच्छी तरह से करना चाहता है तो सुजीत इसकी जानकारी भी देते हैं. उनकी तरह बहुत से पक्षी-प्रेमी उनके ऊंची कीमत देकर इन पक्षियों को ले जाते हैं.
(मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)