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Traffic Rules Follow: ट्रैफिक नियमों को करना होगा फॉलो! इन्हें तोड़ने पर पुलिस करेगी आपकी कंपनी से शिकायत

बेंगलुरु पुलिस ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले लोगों के नाम और उनकी एम्प्लॉयमेंट आईडी उनकी संबंधित कंपनियों के साथ शेयर करना शुरू किया है. हालांकि, जनता से इसपर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. 

ट्रैफिक नियम ट्रैफिक नियम
हाइलाइट्स
  • महादेवपुरा टास्क फोर्स पहल का समर्थन करती है 

  • सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया

लोग ट्रैफिक नियमों को फॉलो करें इसके लिए पुलिस नई-नई तरकीब निकालती रहती है. अब इसी कड़ी में ट्रैफिक पुलिस ने एक और तरीका निकाला है. इसमें अगर लोग गलत तरीके से ड्राइविंग करते हैं तो इसकी शिकायत पुलिस वाले आपके ऑफिस में बता देंगे. बेंगलुरु पुलिस ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले लोगों के नाम और उनकी एम्प्लॉयमेंट आईडी उनकी संबंधित कंपनियों के साथ शेयर करना शुरू किया है. हालांकि, जनता से इसपर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. 

सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर भी इस नियम के बाद से रिएक्शन की बाढ़ आ गई है. एक्स यूजर प्रशांत जैन ने निराशा व्यक्त करते हुए इस नियम पर सवाल उठाया है. उन्होंने माता-पिता और सरकारी अधिकारियों सहित अलग-अलग व्यक्तियों से संपर्क करने का सुझाव दिया है. इस बीच, एक दूसरे यूजर ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों के ट्रैफिक सेंस के लिए जवाबदेह ठहराए जाने के खिलाफ तर्क दिया. उसने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तियों को काम के बाहर अपने व्यवहार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. 

महादेवपुरा टास्क फोर्स पहल का समर्थन करती है 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आलोचनाओं का जवाब देते हुए, महादेवपुरा टास्क फोर्स, एक्स हैंडल जिसने शुरू में इस पहल के बारे में जानकारी साझा की थी, ट्रैफिक पुलिस के साथ खड़ा है. टास्क फोर्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पुराने कोई भी नियम या प्रयास विफल रहे हैं, जिससे नए नियम लाने की जरूरत महसूस हुई. 

गिग इकोनॉमी वर्कर्स के बारे में चिंताएं

हालांकि, इस पहल के तहत डिलीवरी एजेंटों, कैब ड्राइवरों और ऑटोरिक्शा ड्राइवरों जैसे गिग इकॉनमी श्रमिकों की निगरानी कैसे की जाएगी, इस बारे में सवाल उठाए गए हैं.वहीं  एक्स पर ही मोहन कुमार ने चिंता जताई और इस बात पर जोर दिया कि जो लोग पुलिस का सम्मान करते हैं उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जाता है.

हालांकि, टास्क फोर्स ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि 500-1,000 रुपये का मौजूदा जुर्माना उल्लंघनकर्ताओं को रोकने के लिए काफी नहीं है. ऐसे में परिवहन विभाग से जुर्माना राशि को संशोधित करने का आग्रह किया गया है.