खूबसूरती में चार चांद लगाने में बालों की अहम भूमिका है. लोग बालों को बचाने के लिए और उगाने के लिए तरह-तरह के नुस्खे भी अपनाते हैं. लेकिन कई बार हर जतन करने के बाद भी लोग झड़ते बालों को रोक नहीं पाते हैं. और आखिरकार गंजे हो जाते हैं. गंजे लोग समाज में बहुत ज्यादा भेदभाव का शिकार होते हैं. चलते फिरते लोग गंजा कहकर इनका मजाक उड़ा देते. कई लोग उन्हें घूरकर देखते हैं, उनसे सवाल करते हैं और उन्हें परेशान करने वाले कमेंट भी करते हैं. लेकिन अब हंसी मजाक में भी किसी को गंजा कहना महंगा पड़ सकता है.
वर्कप्लेस में किसी को गंजा नहीं कह पाएंगे
वर्कप्लेस में किसी को गंजा (Bald) कहना यौन उत्पीड़न के केस में आएगा. ब्रिटिश अदालत ने किसी को गंजा कहकर चिढ़ाने को यौन उत्पीड़न की श्रेणी में डाला है. दरअसल यह मामला तब शुरू हुआ जब एक कर्मचारी को उसके फैक्ट्री सुपरवाइजर ने 'गंजा' कह दिया.
गंजा कहने का विरोध किया तो नौकरी से निकाला
ब्रिटिश बंग कंपनी में 24 साल काम करने वाले टोनी फिन ने तब अदालत का दरवाजा ठक ठकाया जब उनके फैक्ट्री सुपरवाइजर जैमी किंग की ओर से उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. फिन का आरोप था कि जुलाई 2019 में किंग ने उन्हें 'गंजा' कहते हुए गाली दी थी. विरोध करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.
क्या कहा कोर्ट ने
जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो जजेस ने भी माना कि वर्कप्लेस में किसी को गंजा कहकर संबोधित करना उत्पीड़न की तरह है. बाल झड़ना हार्मोनल चेंज है. इसका मजाक उड़ाना यौन उत्पीड़न है. गंजापन ज्यादातर पुरुषों में पाया जाता है इसलिए अदालत का यह माना कि फिन को 'गंजा' कहकर चिढ़ाना उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है.